दिल्ली विधानसभा के तीन दिवसीय सत्र का आगाज सोमवार को हंगामे के साथ हुआ। सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्ष द्वारा रखे गए मुद्दों पर चर्चा के लिए विधानसभा अध्यक्ष ने स्वीकृति दे दी। वहीं आप विधायक एलजी द्वारा सरकार के काम में दखल के विरोध में नारेबाजी करने लगे। इस बीच एक घंटे के अंदर विधानसभा दो बार भंग हुई।
मुख्यमंत्री और आप विधायकों को बैरीकेड लगाकर रोका
दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री और आप विधायकों को उप राज्यपाल सचिवालय से करीब एक किलोमीटर पहले बैरीकेट लगा कर रोक दिया गया है।
एलजी को शिक्षकों की ट्रेनिंग रोकने की पावर नहीं है- सिसोदिया
दिल्ली के मुख्यमंत्री चाहते हैं कि दिल्ली के शिक्षक ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड जाएं, तो एलजी को रोकने की पावर नहीं है। उन्हें सुप्रीम कोर्ट और संविधान को मानना चाहिए।
एलजी साहब से अपील संविधान और सुप्रीम कोर्ट को मानें- केजरीवाल
दिल्ली सरकार के काम में एलजी द्वारा हस्तक्षेप किए जाने के विरोध में मार्च कर रहे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पत्रकारों से बातचीत में कई बातें कहीं। उन्होंने कहा, मैं सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर लेकर आया हूं। सुप्रीम कोर्ट ने 4 जुलाई 2018 को बोला था कि एलजी को कोई भी स्वतंत्र निर्णय लेने का अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट ने दो बार लिखा, क्योंकि पता था कि एक बार में नहीं मानेंगे। सुप्रीम कोर्ट कह रहा है कि एलजी स्वतंत्र रूप से कोई फैसला नहीं ले सकते। आज दिल्ली के मुख्यमंत्री और विधायकों को एलजी हाउस सिर्फ इस चीज के लिए जाना पड़ रहा है, क्योंकि वह शिक्षकों को फिनलैंड जाने की मांग कर रहे हैं। ये कोई बड़ी मांग नहीं है। हम उम्मीद करते हैं कि एलजी साहब को गलती का अहसास होगा। एलजी साहब ने दिल्ली में योगा क्लास रोक दी, इससे उन्हें क्या फायदा। दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक का पेमेंट रुकवा दिया, दिल्ली जल बोर्ड के फंड रुकवा दिए। कोई पेमेंट नहीं होने दिया। बस मार्शल की तीन महीने से पेमेंट नहीं होने दी। सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर की कोई वैल्यू नहीं है। एलजी साहब ये सारे काम कैसे रुकवा सकते हैं। मेरी एलजी से अपील है कि संविधान और सुप्रीम कोर्ट को मानें। मैं परसों मिला, तो कहा कि सुप्रीम कोर्ट की राय है, सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर सभी के ऊपर बाध्य होते हैं।