पूरी दुनिया में ओमिक्रॉन लहर के बीच अमेरिका में कोरोना महामारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 9 लाख के पार पहुंच गई है। वहां महामारी से विश्व में सर्वाधिक मौतें हुई हैं। इस बीच ब्रिटेन के महामारी विशेषज्ञों ने कोरोना की बड़ी लहरें आने की आशंका जताई है।
पिछले दो सालों से कोरोना के दंश से बचे रहे प्रशांत महासागर क्षेत्र के कुछ देशों में से एक टोंगा में भी अब इस वायरस ने दस्तक दे दी है। शुक्रवार को अमेरिका में इस महामारी से मरने वालों का आंकड़ा 9 लाख से ज्यादा हो गया। ओमिक्रॉन के कारण हुई मौतों के कारण इसमें तेजी से इजाफा हुआ।
अमेरिका के अलावा किसी अन्य देश में इतनी मौतें नहीं हुई हैं। अमेरिका के बाद रूस, ब्राजील व भारत का स्थान आता है। महामारी के कारण इन चारों देशों में कुल 18 लाख लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा। अफ्रीका की तरह अन्य ज्यादा युवा आबादी वाले देशों की तुलना में अमेरिका को ओमिक्रॉन से ज्यादा नुकसान झेलना पड़ा है। अमेरिका में अब ओमिक्रॉन लहर कमजोर हो गई है। बीते सात दिनों में मौतों की संख्या घटी है। मौतों का साप्ताहिक औसत 2674 की तुलना में अब 2592 हो गया है।
टीकों की खुराक का अंतराल बढ़ेगा
इस बीचत्र अमेरिकी स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा है कि वे कोविड टीकों की पहली व दूसरी खुराक के बीच अंतराल बढ़ाकर आठ सप्ताह करने पर विचार कर रहे हैं। यह कदम इसलिए जरूरी बताया जा रहा है ताकि खुराक के बाद लोगों को सीने में जलन की शिकायत से बचाया जा सके और टीकों की प्रभावशीलता बढ़ाई जा सके। अभी अमेरिका में फाइजर की वैक्सीन की खुराक में तीन सप्ताह का और माडर्ना की खुराक में चार सप्ताह का अंतराल रखा जाता है। उधर ब्रिटेन के महामारी विशेषज्ञों ने ब्रिटिश सरकार को सौंपी रिपोर्ट में चेताया है कि भविष्य में कोरोना की बड़ी लहरें आ सकती हैं।