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Sunday, May 19, 2024

अग्निपथ सेना भर्ती योजना के विरोध के लिए युवकों को भड़काने की साजिश का पर्दाफाश

आगरा में अग्निपथ सेना भर्ती योजना के विरोध के लिए युवकों को भड़काने की साजिश का पर्दाफाश हुआ है। जयपुर के युवक ने व्हाट्सएप पर इंकलाब जिंदाबाद के नाम से ग्रुप बनाकर 300 से ज्यादा लोगों को जोड़ा था। इसमें युवकों को रेल और बसों को निशाना बनाने, आगजनी और तोड़फोड़ के लिए भड़काया जा रहा था। थाना मलपुरा क्षेत्र में पुलिस पर पथराव के मामले में जेल भेजे गए एक युवक के मोबाइल से यह जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने जयपुर पुलिस से संपर्क किया है। आरोपियों को चिह्नित किया जा रहा है।

शुक्रवार को मलपुरा में ग्वालियर हाईवे पर बवाल हुआ था। युवाओं की भीड़ में शामिल अराजकतत्वों ने पुलिस पर पथराव किया था। एसओ मलपुरा की गाड़ी को भी निशाना बनाया था। एक युवक ने फायरिंग भी की थी। सड़क की रेलिंग को तोड़ दिया था। पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था। आठ आरोपियों को जेल भेजा गया। इनमें सभी के मोबाइल की भी जांच की गई।

एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि एक आरोपी के मोबाइल में इंकलाब जिंदाबाद नाम से व्हाट्सएप का ग्रुप मिला। इस ग्रुप में लगातार मैसेज आ रहे थे। कहा जा रहा था कि अग्निपथ योजना का विरोध करो। बस और ट्रेन में आग लगा दो। शांति से प्रदर्शन से कुछ नहीं होगा। यह सब करने से ही सरकार झुकेगी। इस योजना को वापस लेगी। इस ग्रुप के 25 से अधिक एडमिन बनाए गए थे, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ा जा सके। इसके साथ ही ग्रुप में 300 सदस्य बन गए थे। उनके उकसाने पर ही मलपुरा में बवाल हुआ था। पुलिस के पहुंचने की वजह से आगजनी नहीं हो सकी।

एसएसपी ने बताया कि व्हाट्सएप ग्रुप की जांच के लिए सर्विलांस और साइबर सेल की टीम को लगाया गया। पता चला कि ग्रुप जयपुर के युवक ने बनाया है। जिस युवक के मोबाइल में यह ग्रुप मिला, उसके बारे में जानकारी गोपनीय रखी गई है। आरोपी युवक की गिरफ्तारी के लिए जयपुर पुलिस से संपर्क किया गया है। युवाओं को उकसाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। ग्रुप के एडमिन पर भी शिकंजा कसा जाएगा। साइबर सेल को सक्रिय किया गया है। वह सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट करने वालों पर निगाह रख रही है।

एसएसपी ने बताया कि गांव-गांव चौपाल लगाई जा रही हैं। इसमें पुलिस के साथ प्रशासन की टीम को लगाया गया है। लोगों को बताया जा रहा है कि अग्निपथ भर्ती योजना में क्या फायदे हैं। वहीं यह भी बताया जा रहा है कि एक बार मुकदमे में नाम आया तो फिर नौकरी नहीं मिलेगी। अराजकतत्वों के झांसे में नहीं आएं। अगर, कोई भड़काता है तो पुलिस को जानकारी दें।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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