नई दिल्ली, 2 फरवरी 2025, रविवार। कांग्रेस ने मनरेगा का बजट स्थिर रखने को लेकर सरकार पर निशाना साधा है, जिससे ग्रामीण आजीविका के प्रति उसकी उदासीनता उजागर होती है। मनरेगा के लिए 86,000 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की गई है, जो पिछले वर्ष के समान है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ते संकट के बावजूद सरकार ने 2024-26 के लिए मनरेगा का बजट 86,000 करोड़ रुपये पर स्थिर रखा है। उन्होंने कहा कि यह प्रभावी रूप से मनरेगा के लिए किए गए वास्तविक आवंटन में गिरावट को दर्शाता है।
मनरेगा के तहत हर परिवार के कम से कम एक सदस्य को वित्तीय वर्ष में 100 दिन की मज़दूरी की गारंटी दी जाती है। पिछले बजट दस्तावेजों के अनुसार, कोविड महामारी के समय 2020-21 में लॉकडाउन के दौरान लोगों के अपने-अपने घरों को लौटने के समय ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराने में मनरेगा एक जीवन रेखा साबित हुई। इस दौरान इस योजना पर 1,11,169 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे।