हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के छठे दिन शनिवार को प्रश्नकाल की कार्यवाही बगैर गतिरोध के शुरू हुई। सदन में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम को लेकर पूर्व भाजपा सरकार को कटघरे में खड़ा किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम को राजनीतिक कार्यक्रम नहीं बनाना चाहिए था। स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को भी इन कार्यक्रमों में बुलाना चाहिए था। इससे सेनानियों को भी मान-सम्मान मिलता। पूर्व भाजपा सरकार ने इस कार्यक्रम को बोझ समझा, क्योंकि चुनावों का समय था इसलिए कार्यक्रमों को फटाफट निपटा दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में जब भी इस तरह के कार्यक्रम करेंगे, सभी स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को बुलाया जाएगा। उन्हें सरकार पूरा मान-सम्मान देगी। प्रश्नकाल में पहला सवाल ज्वालामुखी के कांग्रेस संजय रतन ने किया। उन्होंने आजादी के अमृत महोत्सव पर प्रश्न किया कि इस पर कितना खर्च किया गया। उन्होंने कहा कि इससे अच्छा होता कि इस बजट से शहीद स्मारक बनाते। इस पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने अनुपूरक सवाल किया कि केंद्र सरकार के कार्यक्रमों से सरकार खुद को कितना अलग रख सकती है। इस पर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर में नोकझोंक होती रही।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा, हमने तो यह कहा ही नहीं कि हम अमृत महोत्सव नहीं मनाएंगे। नेता प्रतिपक्ष कह रहे हैं कि हम क्या उन योजनाओं से खुद को अलग करेंगे। लगता है कि नेता प्रतिपक्ष को आजकल नींद नहीं आ रही है। कार्यक्रम किए गए, लेकिन उनके परिवार के लोगों को बुलाते तो अच्छा होता। कार्यक्रम स्वतंत्रता सेनानियों के लिए होना चाहिए था। ये उन परिवारों का सम्मान कर रहे हैं, जहां कुछ भी नहीं है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि जिस समारोह को पूरा देश मना रहा है तो उस कार्यक्रम को प्रदेश में लागू नहीं किया जाएगा। अगर लागू करेंगे तो उसमें खर्च भी होगा। अगर कुछ लोग छूट गए हैं तो क्या कह सकते हैं। आपातकाल इस देश का काला इतिहास है। क्या इस बारे में जो विधेयक लाकर किया गया है, उस बारे में सोचेंगे। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि ये लोकतंत्र प्रहरी पर ये सवाल करें तो बताया जाएगा। 75वां अमृत महोत्सव और भी मनाया जाएगा, जब जरूरत होगी।
21 बांधों को नोटिस
शिमला। हिमाचल प्रदेश में बिजली परियोजनाओं के बारे में क्या सेफ्टी एक्ट की अनुपालना हो रही है। यह सवाल सुलाह के भाजपा विधायक विपिन सिंह परमार ने किया। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में 21 बांधों को नोटिस जारी किए गए है। 11,000 मेगावाट का उत्पादन कर दिया है। कुल क्षमता 25 हजार मेगावाट की है। बांधों पर सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। नाहन के कांग्रेस विधायक अजय सोलंकी ने प्रश्नकाल में कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना में पात्र व्यक्ति के लिए क्या मापदंड रखे गए, क्या ये सही थे। ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि गरीबों केकाम आने वाली इस योजना को केंद्र सरकार बंद कर रही है। मापदंड राज्य सरकार नहीं बनाती है। इसके लिए बीपीएल में होना जरूरी होता है। अगले वित्तीय वर्ष से यह योजना बंद हो चुकी है।
आनी के भाजपा विधायक लोकेंद्र कुमार ने सवाल किया था कि क्या यह सत्य है कि जलोड़ी पास के पास और विभिन्न स्थानों पर अवैध निर्माण हटाए गए हैं। क्या जलोड़ी पास में हटाए गए अवैध और पक्के निर्माण पर कार्रवाई के लिए विभाग को आदेश दिए गए हैं कि नहीं। अगर हटाया गया होगा तो ध्यान में लाएंगे, उस जानकारी को ध्यान में लाएंगे। लोकेंद्र कुमार के प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि कहीं भी सरकार की मंशा किसी को उजाड़ने की नहीं है। जबसे कांग्रेस की सरकार आई है, व्यवस्था परिवर्तन के इस दौर से सबसे ज्यादा परेशानी भाजपा को हुई है। चाहे मणिमहेश यात्रा है चाहे कोई और यात्रा हो, उसमें अस्थायी शेड सब लगाते हैं। इसमें ये नहीं देखा जाता है कि कोई कांग्रेस से है या भाजपा से है। हमें अपने आर्ट और कल्चर को भी ठीक रखना है। अगर ऐसा कुछ लगे कि कहीं किसी को रोका गया है तो इस मामले को ध्यान में लाया जाए।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री को अच्छा लगे या बुरा लगे, विधायक-विधायक होता है। पहली बार आए या कितनी बार आए। जयराम ने कहा कि अगर सीएम को यह कहा जाए कि वे नए-नए बने हैं, तो उन्हें क्या अच्छा लगेगा। जलोड़ी पास में वही लोग थे जो वहां पर समस्या के दौरान मदद करने के लिए पहुंचे थे। अगर वहां से उठाया गया तो लाडा के तहत उन लोगों के लिए व्यवस्था करनी चाहिए थी, जिससे उनकी भी समस्या का समाधान हो जाता। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि उन्होंने क्या कहा। यही कहा कि पहली बार विधायक चुनकर आए हैं और जोश में हैं। उन्होंने पूछा कि अवैध निर्माण वाले हटाए कि नहीं। इन्होंने भी यही पूछा। मुख्यमंत्री नया ही बनता है, तभी तो व्यवस्था परिवर्तन होता है। हमने कहा कि सरकार की ऐसी कोई मंशा नहीं है कि किसी को हटाया या उजाड़ा जाएगा।
आवास योजना में बंदरबांट का मामला उठाया
कांगड़ा के विधायक पवन काजल ने आवास योजना में बंदरबांट का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि कहीं 226 तो कहीं 372 दिए गए। ओबीसी, एससी, एसटी के बारे में कैसे मकान दिए गए। उनके क्षेत्र में ओबीसी की संख्या 80 प्रतिशत है। सबसे ज्यादा आवास कांगड़ा जिला को दिए गए हैं। वहां पर ओबीसी की संख्या भी काफी ज्यादा है। कांगड़ा में 80 फीसदी ओबीसी हैं, क्या उन्हें आवास आवंटित करेंगे। ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि सबसे ज्यादा तो कांगड़ा और मंडी में ही आवास आवंटित किए गए हैं। ज्यादातर आवंटन भाजपा सरकार के वक्त में ही हुआ है।
कांग्रेस विधायक केवल सिंह पठानिया सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव रखते हुए कहा कि शाहपुर बाजार में भूमि का अधिग्रहण नहीं होने से राष्ट्रीय उच्च मार्ग में उत्पन्न स्थिति की ओर ध्यान आकर्षित करने को कहा। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि यह मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं कह पाएंगे। प्रदेश के विभिन्न कोनों में फोरलेन का काम चल रहा है। मिल-बैठकर सुलझाया है। इस मामले का निराकरण करने का भी प्रयास करेंगे। जहां पर भी हिमाचल के लोगों के हितों की रक्षा करने की बात आएगी, उनकी रक्षा की जाएगी। इसके लिए राज्य के लोगों के हितों को ध्यान में रखा जाएगा। इस बारे में बैठकर पूरा समाधान निकालने का प्रयास किया जाएगा।