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Sunday, May 19, 2024

अरुणाचल पर चीन की नापाक निगाहें, सीमा पर बढ़ाई तैनाती

पूर्वी लद्दाख में डेढ़ साल से तनाव के बीच चीनी सेना की अब अरुणाचल प्रदेश से सटी सरहद के भीतरी हिस्सों में सैन्य ड्रिल और तैनाती को लेकर भारत सतर्क है। भारतीय सेना ने सुरक्षा संबंधी किसी भी चुनौती से निपटने के लिए आपात योजना तैयार कर ली है।

पूर्वी कमान के कमांडर ले. जनरल मनोज पांडे ने बताया, चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सालाना प्रशिक्षण कार्यक्रम में भी इस बार गतिविधियां बढ़ी हैं, उसके सैनिकों को सीमावर्ती भीतरी इलाकों में तैनात किया जा रहा है। ले. जनरल पांडे ने यह भी बताया, दोनों देश वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के निकट बुनियादी ढांचे का विकास कर रहे हैं, इससे कुछ विवाद पैदा होते रहते हैं।

सैन्य तैनाती भी बढ़ाई जा रही है। चीन द्वारा पूर्वोत्तर भारत में भूटान के साथ कूटनीतिक रिश्ते बनाने की कोशिशों से भी भारत में चिंता है। चीन-भूटान में दशकों पुराने सीमा विवाद पर हुए समझौते पर सीधे कुछ न कहते हुए ले. जनरल ने उम्मीद जताई कि यह समझौता सरकारी अधिकारियों की नजर में होगा।

सीमा पर गांव बसा रहा चीन भारत कर रहा है निगरानी
ले. जनरल पांडे ने कहा कि सीमा के करीब चीन नए-नए गांव बसा रहा है। भारत इसके अनुसार रणनीति बना रहा है, क्योंकि आबादी वाले क्षेत्रों का इस्तेमाल सैन्य उद्देश्य के लिए हो सकता है।

ले. जनरल ने पूर्वी भारत के 1300 किमी लंबी एलएसी पर सेना की तैयारियों का जायजा लिया और बताया कि भारतीय सेना का माउंटेन स्ट्राइक कोर अब पूरी तरह काम करने लगा है।

चीन द्वारा सीमा समझौते और प्रोटोकॉल तोड़ने पर उच्चस्तरीय चर्चा हुई है। हाल में चीन-भारत के बीच चौथी हॉटलाइन शुरू हुई है। -ले. जनरल मनोज पांडे, पूर्वी सेना कमांडर

इंटीग्रेटेड बैटल समूह: भारतीय सेना को नई कॉम्बैट फॉर्मेशन इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप्स (आईबीसी) की सैद्धांतिक सहमति। इसमेंं इंफेंट्री, आर्टिलरी, वायु रक्षा, टैंक व लॉजिस्टिक्स यूनिट्स शामिल। इससे पाकिस्तान व चीन की सीमा पर लड़ाकू क्षमताओं में इजाफा।

बढ़ाई निगरानी: एलएसी व सीमा के भीतरी क्षेत्रों में भारत ने निगरानी बढ़ाई। सभी उपलब्ध संसाधनों का उपयोग।
आपात चुनौती के लिए तैनाती: सभी सेक्टरों में सुरक्षा संबंधी आपात चुनौतियों के मद्देनजर सैन्य तैनाती। आपात योजना का अभ्यास भी जारी।

आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल: एलएसी पर दिन-रात निगरानी के लिए मानव रहित विमानों की तैनाती। इस्राइल के मध्यम ऊंचाई पर लंबे समय तक उड़ने वाले हैरॉन ड्रोन पहाड़ी इलाकों से अहम डाटा व तस्वीरें कंट्रोल सेंटर को भेज रहे हैं।

सेना की एविएशन विंग ने भी हल्के एडवांस हेलिकॉप्टर रुद्र की एकीकृत हथियार प्रणाली तैनात की है। सरकार तवांग को भी तेजी से रेल नेटवर्क से जोड़ रही है। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर इस समय 50 से 60 हजार सैनिक तैनात हैं।

 

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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