भारतीयों द्वारा ताइवान के राष्ट्रीय दिवस के मौके पर दिए गए बधाई संदेशों जहां एक तरफ ताइवान की सरकार और लोगों को यह बेहद पसंद आ रहा है तो वहीं वामपंथी चीन इन बधाई संदेशों से बुरी तरह जला भुना नजर आ रहा है।
इस घटनाक्रम से बुरी तरह बौखलाए चीन ने बयान जारी कर इस मुद्दे पर अपनी बौखलाहट प्रत्यक्ष रूप से जाहिर की है।
भारत में चीनी दूतावास के प्रवक्ता वांग जिआओजियान ने सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर ट्वीट कर ताइवान को भारत से मिले बधाई संदेशों पर नाराजगी जताई है।
उन्होंने लिखा है कि “हाल ही में भारत में कुछ मीडिया और व्यक्तियों ने ताइवान स्वतंत्रता के लिए मंच प्रदान करते हुए इसका समर्थन किया है। इन लोगों ने ‘दो चीन’ या एक चीन, एक ताइवान’ की वकालत की है। यह खुले तौर पर एक-चीन सिद्धांत का उल्लंघन है। हम इसका पुरजोर विरोध करते हैं। इस तरह की सभी कोशिशें बेकार साबित होंगी।’
दरअसल वामपंथी चीन द्वारा ताइवान को अपना अभिन्न हिस्सा बताया जाता रहा है जबकि लोकतांत्रिक मूल्यों की समर्थक ताइवानी जनता स्वयं को संप्रभु राष्ट्र के तौर पर देखती है। इसी कारण से चीन और ताइवान के मध्य टकराव कि स्थिति बनी रहती है।
जहां एक तरफ तानाशाह चीन द्वारा अपने राजनयिकों के माध्यम से विभिन्न राष्ट्रों को ताइवान के साथ कूटनीतिक संबंध ना रखने के लिए दबाव बनाया जाता है तो वहीं ताइवान भी अपने मित्र राष्ट्रों से ताइवान कि संप्रभुता के सम्मान का आग्रह करता आया है। विस्तारवादी चीन द्वारा ताइवान को लेकर एक चीन नीति की दुहाई दी जाती रही है।
इसी को लेकर पिछले वर्ष बीजिंग द्वारा नई दिल्ली से ताइवान के स्वतंत्रता दिवस ना मनाने का आग्रह किया गया था। लेकिन भारत सरकार द्वारा ताइवान को लेकर हमेशा से हीं नरम कूटनीतिक संबंध रखे जाने की नीति को आगे बढ़ाया गया है।
अब भारतीयों द्वारा ताइवान के राष्ट्रीय दिवस पर खूब बधाई संदेश भेजे गए हैं। जिससे ताइवान के राष्ट्रीय दिवस यानी 10 अक्टूबर को यह विषय ट्वीटर पर खूब ट्रेंड करता नजर आया था।
भारत के अलावा अमेरिका भी ताइवान को उसके लोकतांत्रिक रूप में हीं देखने का नज़रिया रखता है जिसको लेकर बेजिंग से उसका गतिरोध लगा रहता है। बता दें कि अभी ताइवान और चीन के संबंध अपने सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं।
अभी हाल ही में चीन द्वारा ताइवानी वायु सीमा में बड़े पैमाने पर घुसपैठ की गई थी, जिसपर ताइवान के साथ साथ अमेरिका ने भी इसे उकसावे वाली कार्यवाही बताकर चीन को खरी खोटी सुनाई थी।
सूत्रों की मानें तो चीन कि इन हरकतों के मद्देनजर अब अमेरिकी सेना ताइवान की सेना को प्रशिक्षण भी दे रही है, ताकि युद्ध की स्थिति में बीजिंग को ताइवान द्वारा मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके। अब ऐसे में भारतीयों के बधाई संदेशो ने चीन की तिलमिलाहट को और भी बढ़ा दिया है।