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Saturday, May 18, 2024

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर बजट को लेकर बैठक ली ।

केन्द्रांश के अभाव में न बाधित हो परियोजना, राज्यांश जारी कर जारी रखें कार्य: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री का निर्देश, मंत्रीगण स्वयं करें विभागीय आवंटन और व्यय की समीक्षा

केंद्र सरकार से मिल रहा हर संभव सहयोग, बनाए रखें संवाद-संपर्क: मुख्यमंत्री

वित्तीय वर्ष 2023-24 में बजट प्राविधान के सापेक्ष आवंटन और व्यय की मुख्यमंत्री ने की समीक्षा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने शुक्रवार को आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में वित्तीय वर्ष 2023-24 में बजट प्राविधान के सापेक्ष शासन द्वारा जारी स्वीकृतियों/विभागाध्यक्ष द्वारा आवंटित धनराशि/व्यय तथा भारत सरकार से लक्ष्य के सापेक्ष प्राप्त धनराशि की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की। विभागवार बैठक के उपरांत मुख्यमंत्री जी ने व्यापक जनहित के विकास कार्यों में तेजी लाने, परियोजनाओं की गुणवत्ता व समयबद्धता सुनिश्चित करने सहित अनेक दिशा-निर्देश दिए…

● वित्तीय वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही समाप्त हो चुकी है। सभी विभागों द्वारा वर्तमान बजट में प्राविधानित धनराशि का यथोचित खर्च किया जाना सुनिश्चित किया जाए। आवंटन और व्यय में तेजी की अपेक्षा है। विभाग स्तर भी पर खर्च की समीक्षा भी जाए। संबंधित मंत्रीगण अपने विभागीय स्थिति की समीक्षा करें। मुख्य सचिव द्वारा विभागीय आवंटन और व्यय की स्थिति की मासिक समीक्षा की जाए।

● आदरणीय प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में प्रदेश के समग्र विकास के लिए केंद्र सरकार द्वारा हमें हर संभव सहायता मिल रही है। केंद्र से सामंजस्य स्थापित कर अवशेष धनराशि प्राप्त करें। विभागीय मंत्री स्वयं भारत सरकार के मंत्रीगणों से संवाद करें। केन्द्रांश के अभाव में परियोजना बाधित न रखें। नियमानुसार राज्यांश जारी कर कार्य जारी रखा जाए। सभी विभाग शत-प्रतिशत उपयोगिता प्रमाण पत्र समय पर भेजना सुनिश्चित करें।

● उच्च शिक्षा, महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, समाज कल्याण, ग्राम्य विकास, लोक निर्माण, खाद्य रसद, नगर विकास, चिकित्सा स्वास्थ्य, सिंचाई एवं जल संसाधन जैसे विभागों की अनेक योजनाएं सीधेतौर पर आम जनता को प्रभावित करने वाली हैं। इनमें तेजी की आवश्यकता है। विभागीय प्रमुख की यह जिम्मेदारी है कि जनहित को प्राथमिकता देते हुए योजनाओं के सुगम क्रियान्वयन के लिए समय से धनराशि आवंटन सुनिश्चित करें।

● परियोजनाएं समय पर प्रारंभ हों इसके लिए ईपीसी की प्रक्रिया को और तेज करने की आवश्यकता है। निर्माणाधीन परियोजनाओं का स्थलीय निरीक्षण भी किया जाए।

● ग्राम पंचायतों और नगरीय वार्डों में डिजिटल लाइब्रेरी स्थापित करने की योजना महत्वपूर्ण है। बेसिक शिक्षा विभाग और पंचायती राज विभाग के साथ समन्वय बनाते हुए उच्च शिक्षा विभाग इसे तेजी से क्रियान्वित कराए।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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