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Saturday, May 18, 2024

मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा- सरकार समानता और बंधुत्व के सिद्धांत पर चल रही है

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने प्रदेश के जनजातीय लोगों के कल्याण की नीति पर बयान दिया। उन्होंने कहा कि सरकार ने आदि द्रविड़ और जनजातीय कल्याण विभाग के तहत 171 करोड़ रुपये की परियोजनाएं बनाई हैं। सीएम स्टालिन ने पूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन करने के साथ-साथ 184 करोड़ रुपये की सहायता भी प्रदान की।

तमिलनाडु में विकास के नए आयाम
बुधवार को एक कार्यक्रम में स्टालिन ने कहा कि द्रमुक सरकार सामाजिक न्याय, समानता, आस्था की समान प्रकृति और भाईचारे के उत्कृष्ट सिद्धांतों पर चल रही है। उन्होंने कहा कि सरकार तमिलनाडु में विकास के नए आयाम स्थापित कर रही है। राज्य को विकसित करने के लिए सरकार कड़ी मेहनत कर रही है।

डीएमके सरकार की नीति, सबकुछ सबके लिए है
शासन के द्रविड़ मॉडल का जिक्र करते हुए सीएम एमके स्टालिन ने कहा, सरकार ने ‘सबकुछ सबके लिए’ है की नीति अपनाई है। इसी नीति के तहत पिछले तीन वर्षों में, 175 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 12 आदि द्रविड़ छात्र छात्रावास बनाए गए। उन्होंने कहा कि आदि द्रविड़ और आदिवासी छात्रों की शिक्षा पर भी सरकार का पूरा जोर है। उन्होंने कहा कि विकास के लिए राज्य सरकार रियायतें भी दे रही है।

स्कूलों में शिक्षा के लिए करोड़ों रुपये का निवेश
आदि द्रविड़ कल्याण मंत्री एन कयालविझी सेल्वराज ने बताया कि बुधवार को मुख्यमंत्री ने 149 करोड़ रुपये की कल्याणकारी योजनाओं की शुरुआत की है। 32.95 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित स्कूल भवनों, छात्रावासों और सामुदायिक केंद्रों का उद्घाटन किया गया है। इसके अलावा 138 करोड़ रुपये के छात्रावास भवनों और शिक्षण केंद्रों की आधारशिला रखी गई। उन्होंने बताया कि भूमिहीनों को कृषि भूमि खरीदने के लिए तमिलनाडु आदि द्रविड़ हाउसिंग एंड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (TAHDCO) के माध्यम से 10 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी और वित्तीय सहायता वितरित की गई।

लाभार्थियों को मिले घर, नियुक्ति आदेश
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने प्रदेश में काम कर रहे सफाई कर्मियों और इरुलर जनजातियों के लिए बनाए गए 943 नए घरों की चाबियां भी लाभार्थियों को सौंपीं। उन्होंने डीएमके सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के तहत 776 लाभार्थियों के बीच 62 करोड़ रुपये की सहायता राशि भी वितरित की। कुछ लाभार्थियों को नियुक्ति आदेश भी दिए गए।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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