केंद्र सरकार ने भारत में कोरोना के कारण प्रभावित छात्रों को मौद्रिक सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया है। केंद्र सरकार ने शुक्रवार, 28 मई को भारत सरकार की मध्याह्न भोजन यानी मिड-डे-मील योजना के तहत 11.8 करोड़ छात्रों को प्रत्यक्ष लाभ, डीबीटी के माध्यम से मौद्रिक सहायता प्रदान करने की घोषणा की है। आधिकारिक बयान के अनुसार, मध्याह्न भोजन योजना के खाना पकाने की लागत अब सीधे लाभ हस्तांतरण यानी डीबीटी के माध्यम से सभी पात्र बच्चों को एक विशेष कल्याण उपाय के रूप में लाभान्वित किया जाएगा, इससे मध्याह्न भोजन को बढ़ावा मिलेगा।
भारत सरकार इस उद्देश्य के तहत सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लगभग 12,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि मुहैया कराएगी। केंद्र सरकार द्वारा इस मौद्रिक सहायता से देशभर के सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में कक्षा एक से आठवीं तक पढ़ने वाले लगभग 11.8 करोड़ बच्चों को लाभ होगा। केंद्र सरकार के अलावा, कई राज्य सरकारों ने भी कोविड -19 के कारण अपने माता-पिता को खोने वाले छात्रों को निधि देने की घोषणा की है।
केरल, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, दिल्ली, झारखंड और जम्मू कश्मीर जैसे राज्यों ने अपने-अपने राज्यों में बच्चों के शिक्षा खर्च को कवर करने की घोषणा की है। शुक्रवार, 28 मई को महाराष्ट्र की शिक्षा मंत्री गायकवाड़ ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र शिक्षा विभाग ने पहली से 12वीं कक्षा के उन छात्रों को वित्तीय मदद की घोषणा की है, जिन्होंने कोविड-19 महामारी के कारण माता-पिता को खो दिया है।
इससे पहले गुरुवार, 27 मई को केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने गुरुवार को घोषणा की कि केरल सरकार की ओर से कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण जान गंवाने वालों के बच्चों को ₹3,00,000 तत्काल राहत के रूप में दिया जाएगा और ₹2,000 की मासिक राशि उन बच्चों के 18वें जन्मदिन तक जारी की जाएगी। साथ ही ऐसे बच्चों का स्नातक तक की पढ़ाई का खर्चा राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।