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Saturday, April 20, 2024

जापान टोक्यो में कोरोना वायरस के चलते आपातकाल 20 जून तक बढ़ा

जापान टोक्यो में कोरोना वायरस के कारण लगाए गए आपातकाल को 20 जून तक बढ़ा दिया है। बता दें कि देश में संक्रमण अभी तक उस स्तर तक धीमा नहीं हो रहा है कि देश 50 दिन के अंदर ओलंपिक खेलों की सुरक्षित मेजबानी कर सके।

जापान के एक वरिष्ठ मंत्री याशुतोशी निशिमुरा ने पत्रकारों से कहा कि सरकार ने नौ क्षेत्रों में 20 दिन के लिए आपात स्थिति को बढ़ा दिया गया है, जो 20 जून तक होगा। ओकिनावा में पहले से ही 20 जून तक आपात स्थिति जारी है। उन्होंने कहा कि आपात स्थिति को बढ़ाने की जरूरत इसलिए थी क्योंकि काफी लोग अब भी सार्वजनिक रूप से घूम रहे हैं, विशेषकर टोक्यो और ओसाका में।

बता दें कि जापान की राजधानी और आठ अन्य शहरों में मौजूदा आपात स्थिति अगले सोमवार तक खत्म होनी थी लेकिन कुछ क्षेत्रों में अस्पतालों में अब भी काफी कोविड-19 संक्रमित मरीज आ रहे हैं और हाल में गंभीर मामलों की संख्या भी काफी रही थी। ओलंपिक आयोजकों को इस तारीख तक फैसला करना होगा कि वे किसी भी दर्शक को अनुमति देंगे या नहीं क्योंकि विदेशी दर्शकों को महीनों पहले प्रतिबंधित कर दिया गया था। वहीं मीडिया रिपोर्टों के अनुसार जापान के एथलीटों के टीकाकरण की प्राथमिकता में भी देरी हो रही है।
दर्शकों के बगैर आयोजित हो सकता है टोक्यो ओलंपिक
टोक्यो ओलंपिक के शुरू होने में दो महीने से भी कम का समय बचा है और आयोजन समिति की अध्यक्ष सेइको हाशिमोतो ने शुक्रवार को संकेत दिया कि कोरोना वायरस महामारी के कारण इन खेलों में स्थानीय प्रशंसकों को भी प्रतिबंधित किया जा सकता है। महामारी के खतरे को देखते हुए विदेशी प्रशंसकों पर पिछले महीने ही रोक लगा दी गई थी।

जापान की सरकार ने कोविड-19 के मामलों को नियंत्रित रखने के लिए टोक्यो और ओसाका सहित देश के कई हिस्सो में 31 मई तक लागू आपातकाल को 20 जून तक बढ़ा दिया है। इस फैसले के बाद ही ओलंपिक के दौरान दर्शकों पर रोक के कयास लगाए जाने लगे। जापान में जनता के विरोध के बाद भी आयोजकों और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने कहा है कि वे पिछले साल स्थगित हुए इन खेलों को इस साल तय कार्यक्रत के मुताबिक कराने को लेकर प्रतिबद्ध है।

आयोजन समिति की अध्यक्ष सेइको हाशिमोतो ने कहा, ‘प्रशंसको के मामले पर हम जल्दी फैसला लेंगे, लेकिन यह फैसला आपातकाल के हटने के बाद लिया जाएगा।’ उन्होंने कहा, ‘कई लोग कह रहे है कि हमें इन खेलों का आयोजन दर्शकों के बिना करना होगा लेकिन दूसरे खेलों में दर्शकों को आने की अनुमति दी जा रही है। हमें कोई भी फैसला लेने से पहले स्थानीय चिकित्सा सेवा पर पड़ने वाले असर के बारे में सोचना होगा।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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