वाराणसी, 27 दिसंबर 2024, शुक्रवार। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के कार्डियोलॉजी विभाग ने एक 65 वर्षीय पुरुष के जटिल वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट (वीएसडी) को सफलतापूर्वक बंद कर दिया है। यह प्रक्रिया डॉ. विकास अग्रवाल के नेतृत्व में की गई थी, जिसमें डॉ. प्रतिभा राय, डॉ. सृष्टि और डॉ. अर्जुन ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
वेंट्रिकुलर सेप्टम में छेद होना (वीएसआर) मायोकार्डियल इंफार्क्शन (एएमआई) की एक दुर्लभ लेकिन जीवन-संकट में डालने वाला कॉम्प्लिकेशन है। इस स्थिति में समय पर हस्तक्षेप के बिना, मृत्यु दर बहुत अधिक होती है।
डॉ. विकास अग्रवाल ने बताया कि पोस्ट-एमआई वीएसआर क्लोजर की तकनीकी कठिनाइयों को कम से कम खतरे एवं बिना चीड़ फाड़ के साथ ठीक करना संभव बनाती है। सीटीवीएस के विभागाध्यक्ष प्रो. सिद्धार्थ लखोटिया ने कहा कि पहले इस तरह के रोगियों में ओपन हार्ट सर्जरी करनी पड़ती थी, जिसमें खतरा बहुत ज्यादा रहता था।
इस प्रक्रिया के बाद, रोगी अब अपनी नियमित गतिविधियों में वापस आ गया है। यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी में एक बड़ा कदम है।