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Sunday, May 19, 2024

अधिक तनाव लेने से आपको सामना कर पड़ गंभीर बीमारियों का

अक्सर यह माना जाता है कि अल्कोहल लेने, धूम्रपान करने, खान-पान की अच्छी आदतों के न होने या फिर व्यायाम न करने की वजह से व्यक्ति कई बड़े रोगों की चपेट में आता है। लेकिन क्या आप जानते हैं अगर आप यह सब चीजें नहीं करते हैं पर छोटी-छोटी बातों पर तनाव ले लेते हैं तो आपको भी सतर्क रहने की जरूरत है। आइए जानते हैं आखिर कौन से हैं वो रोग जो अधिक तनाव लेने से व्यक्ति को हो जाते हैं। 

क्या है फ्लाइट रिस्पांस-

तनाव से निपटने के लिए शरीर को अपनी ऊर्जा का इस्तेमाल करना पड़ता है जिसे फ्लाइट रिस्पांस कहा जाता है। इसमें नर्वस सिस्टम एडरनल ग्लैंड को एड्रेनालिन और कॉर्टिसोल छोड़ने का निर्देश देता हैं, जिससे पाचन क्रिया प्रभावित होती है। 

-हृदय के लिए घातक-
तनाव अधिक होने पर रिलीज हुए एड्रेनलीन हॉर्मोन से ब्लड प्रेशर में अचानक उतार-चढ़ाव आने लगता है जो क्रॉनिक हार्ट डिजीज के खतरे को पैदा करता है। 

-मस्तिष्क में तेज दर्द-
तनाव का मस्तिष्क पर बुरा प्रभाव पड़ता है। यह सिरदर्द के साथ मस्तिष्क की नसों में ब्लड क्लॉटिंग तक पैदा कर सकता है।
 
-शरीर में पानी की कमी-

तनाव अधिक लेने से ब्लड सर्कुलेशन तेज हो जाता है और शरीर में पानी की कमी हो सकती है। इससे व्यक्ति को थकान और त्वचा रूखी और डार्क को जाती है।

-इंफेक्शन-
तनाव अधिक लेने से इम्यूनिटी धीरे-धीरे कमजोर हो जाती है और व्यक्ति को कोई भी इंफेक्शन जल्दी पकड़ सकता है। 

-उल्टियां
कई बार तनाव के दौरान पेट में हल्का दर्द, उमड़न आदि महसूस होने के साथ उल्टियां भी शुरू हो जाती हैं।

-पेट की समस्याएं-
तनाव अधिक लेने की स्थिति में शरीर की ऊर्जा का एक बहुत बड़ा भाग उससे निपटने में लग जाता है। ऐसे में शरीर का इन्यून सिस्टम कमजोर पड़ने लगता है, जिसका सीधा संबंध व्यक्ति के पाचन से जुड़ा हुआ है।

-भूख कम लगना-
ज्यादा तनाव लेने वाले व्यक्ति की पाचन क्रिया धीमी हो जाती है, जो भूख कम होने का कारण बनती है। ऐसे लोगों में धीरे-धीरे गैस, उलटी और चक्कर आने जैसी समस्याएं दिखने लगती है। 
 
-तनाव कम करने का उपाय-

उत्तानासन करने से पाचन संबंधित समस्याएं और तनाव को कम किया जा सकता है। इसके अलावा मेडिटेशन करने से भी लाभ मिलता है।

anita
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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