आर्थिक अपराध शाखा ने 16 करोड़ की धोखाधड़ी में भाई-बहन को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार भाई एम्स से एमबीबीएस कर चुका है, जबकि बहन साफ्टवेयर इंजीनियर है। मुख्य आरोपी ने शिकायतकर्ता के साथ एप आधारित कारोबार शुरू किया और फिर फर्जीवाड़ा कर शिकायतकर्ता के शेयर को कम दाम में बेचकर उन्हें कंपनी से निकाल दिया जिससे निदेशक को 16 करोड़ का नुकसान हुआ।
शाखा की विशेष आयुक्त रविंद्र यादव ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान पंचशील एन्कलेव निवासी चेरियन और बेंगलुरु निवासी मीनाक्षी के रूप में हुई है। साल 2021 में नोएडा सेक्टर 134 निवासी डॉक्टर गंधर्व गोयल ने शाखा में भाई बहन के खिलाफ शिकायत की। जिसमें दोनों पर फर्जी हस्ताक्षर लेकर उनके शेयर को नौ सौ रुपये में खरीद लेने और बाद में उसे 16 करोड़ रुपये में नए निवेशकों को बेचने का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि वह और चेरियन एम्स से एमबीबीएस की पढ़ाई की थी। दोनों ने सिनैप्सिका टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी खोली। जिसका कार्यालय जसोला में है।
चेरियन की बहन मीनाक्षी सिंह भी सॉफ्टवेयर विकसित करने की दृष्टि से कंपनी में शामिल हुईं। साफ्टवेयर का काम बिना रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर के सी.टी. स्कैन, एक्स-रे और एमआरआई का रिपोर्ट तैयार करना था। बाद में मीनाक्षी कंपनी का शेयरधारक बन गई। दिसंबर 2019 में कंपनी वाई-कॉम्बिनेटर में चयनित हो गई और निवेशकों ने कंपनी में पांच करोड़ रुपये का निवेश किया। अमेरिका में कारोबार बढ़ाने के लिए सिनैप्सिका हेल्थकेयर इंक के नाम से एक कंपनी खोली गई।
पुलिसल की जांच में पता चला कि चेरियन और मीनाक्षी ने अपनी कंपनी में अधिक निवेशकों को आकर्षित करने के लिए यूएस में कंपनी बनाई और बाद में कंपनी मेसर्स सिनैप्सिका हेल्थकेयर इंक के जरिए गंधर्व गोयल के जाली हस्ताक्षर लेकर हिस्सेदारी खरीद ली। पुलिस ने बुधवार को दोनों भाई बहन को वाइल्ड रॉक रिजॉर्ट, डिंडीगुल, तमिलनाडु से गिरफ्तार कर लिया।
जांच में पता चला कि चेरियन ने गंधर्व गोयल के साथ स्वास्थ्य के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पर संरचित ऐप आधारित व्यवसाय शुरू किया। जब कंपनी में निवेश फला-फूला तो चेरियन ने बहन के साथ मिलकर गंधर्व गोयल को कंपनी से बाहर कर दिया। चेरियन ने एम्स दिल्ली से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की। वहीं मीनाक्षी सिंह ने बी.ई. (कंप्यूटर साइंस) और आईआईएम से एमबीए किया है।