नई दिल्ली, 4 मार्च 2025, मंगलवार। सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि किसी को ‘मियां-तियां’ या ‘पाकिस्तानी’ कहना भले ही गलत हो, लेकिन यह धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का अपराध नहीं है। यह फैसला एक मामले में सुनाया गया है जहां एक व्यक्ति पर एक सरकारी कर्मचारी को ‘पाकिस्तानी’ कहने का आरोप था, जबकि वह अपने आधिकारिक कर्तव्यों का निर्वहन कर रहा था।
जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने यह फैसला सुनाया है कि किसी को ‘मियां-तियां’ या ‘पाकिस्तानी’ कहना आईपीसी की धारा 298 के तहत धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के अपराध के बराबर नहीं है। इस फैसले के साथ, सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी को आरोपमुक्त कर दिया है।