37.1 C
Delhi
Sunday, May 19, 2024

लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को लगा बड़ा झटका, छिंदवाड़ा महापौर विक्रम अहाके भाजपा में हुए शामिल

लोकसभा चुनावों में वोटिंग से पहले कांग्रेस को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं। कांग्रेस और कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा के महापौर विक्रम अहाके भी भाजपा में शामिल हो गए हैं। इससे पहले अमरवाड़ा विधायक कमलेश शाह ने भाजपा का दामन थामा था। इस पर कांग्रेस प्रत्याशी नकुलनाथ ने उन्हें गद्दार करार दिया। इसे आदिवासी नेता का अपमान बताया गया और इससे आहत होकर ही विक्रम अहाके ने कथित तौर पर भाजपा की सदस्यता ली है। 

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने सोमवार को छिंदवाड़ा महापौर विक्रम अहाके को भाजपा की सदस्यता दिलाई। इस दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि छिंदवाड़ा में नकुलनाथ के अमरवाड़ा विधायक कमलेश शाह को लेकर दिए बयान से अहाके आहत हैं। शाह आदिवासी वर्ग के बड़े नेता हैं। विक्रम अहाके भी आदिवासी हैं। विक्रम के साथ छिंदवाड़ा नगर निगम में जल विभाग सभापति प्रमोद शर्मा, अनुसूचित जाति विभाग जिला अध्यक्ष सिद्धांत थनेसर, पूर्व एनएसयूआई जिला अध्यक्ष आशीष साहू, पूर्व एनएसयूआई जिला उपाध्यक्ष धीरज राऊत, पूर्व एनएसयूआई जिला कार्यकारी अध्यक्ष आदित्य उपाध्याय, पूर्व एनएसयूआई विधानसभा अध्यक्ष सुमित दुबे भी भाजपा में शामिल हुए। 

कमलनाथ जी ने बहुत गड़बड़ की
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि छिंदवाड़ा में कमलनाथ जी ने बहुत गड़बड़ की है। नकुलनाथ जी ने आदिवासी अंचल का अपमान किया था। उन्होंने विधायक कमलेश शाह को बेइमान और गद्दार कहकर आदिवासी वर्ग का अपमान किया। इसी बात से आहत होकर विक्रम अहाके ने कहा कि मुझे उस पार्टी में नहीं रहना, जहां आदिवासी वर्ग का अपमान होता है। उन्होंने भाजपा की सदस्यता ले ली है। हम छिंदवाड़ा के विकास में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे। इस अवसर र विक्रम अहाके ने कहा कि देश और प्रदेश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जी के नेतृत्व में आगे बढ़ रहा है। छिंदवाड़ा में इस बार कमल का फूल ही खिलेगा। 

यह नेता भी भी हो चुके छिंदवाड़ा से भाजपा में शामिल 
छिंदवाड़ा जिले में भाजपा लगातार पूर्व सीएम कमलनाथ को झटके दे रही है। कुछ दिन पहले छिंदवाड़ा नगर निगम में कांग्रेस के सात पार्षदों ने भाजपा की सदस्यता ली। इससे पहले पाढुर्ना नगर पालिका अध्यक्ष संदीप घोटोड़े 16 सरपंचों समेत भाजपा में आए थे। कमलनाथ के करीबी सैयद जाफर और पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना के पुत्र अजय सक्सेना के साथ ही पूर्व मंत्री तेजीलाल सरयाम की बहू सुहागवती सरयाम भी कांग्रेस से छोड़ चुके हैं। अमरवाड़ा से विधायक कमलेश शाह ने पहले विधायकी छोड़ी और फिर कांग्रेस। उपचुनाव में भाजपा उन्हें चुनाव मैदान में उतार सकती है।  

कमलनाथ जी आज भी सम्माननीय ओर कल भी रहेंगे
कमलेश शाह ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं से प्रभावित होकर भाजपा में आए है। जमीनी स्तर पर योजनाओं का लाभ जनता को मिल रहा है। उन्होंने पूर्व सीएम कमलनाथ से नाराजगी के सवाल पर कहा कि उनकी कमलनाथ जी से कोई नाराजगी नहीं है। शाह ने कहा उनके लिए कमलनाथ जी कल भी सम्माननीय थे, आज भी हैं और कल भी सम्माननीय रहेंगे। 

मोदी लहर में भी भाजपा को नहीं मिली थी जीत 
छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर भाजपा को 2014 में मोदी लहर के बावजूद जीत नहीं मिली थी। कमलनाथ ने नौ बार लोकसभा का चुनाव जीता। वह दो बार यहां से विधायक भी रहे। 2019 में छिंदवाड़ा ही एकमात्र सीट थी, जिसे भाजपा जीतने में असफल रही थी। 2023 के विधानसभा चुनाव में छिंदवाड़ा की सातों विधानसभा सीटें कांग्रेस ने जीती थी। 

छिंदवाड़ा परिषद में कांग्रेस अल्पमत में 
सभापति और कई पार्षद भाजपा में जा चुके हैं। इससे छिंदवाड़ा नगर निगम में कांग्रेस अल्पमत में आ गई है। यदि यही हाल रहा कांग्रेस को और भी परेशानी हो सकती है। नगर निगम चुनाव में विक्रम अहाके ने 3547 वोट से चुनाव जीता था। विक्रम के चुनाव जीतने पर प्रियंका गांधी और राहुल गांधी ने उनकी प्रशंसा करते हुए छिंदवाड़ा को भाजपा मुक्त जिला बताया था। एकाएक लोकसभा चुनाव से पहले विक्रम ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया।

कांग्रेस को बदलनी पड़ेगी रणनीति
छिंदवाड़ा में लगातार कांग्रेस के बड़े नेता पार्टी का साथ छोड़ रहे हैं, ऐसे में आप कमलनाथ को लोकसभा चुनाव जीतने के लिए नई रणनीति बनानी पड़ेगी। पिछले चार दिन में दो बड़े आदिवासी नेताओं ने पार्टी का साथ छोड़ा है। छिंदवाड़ा में आदिवासी वोट बैंक का अच्छा प्रभाव है। यदि चुनाव तक आदिवासी वोट बैंक को नहीं साधा गया तो पार्टी को काफी नुकसान हो सकता है। कमलनाथ को आदिवासी वोट बैंक को साधने के लिए नई रणनीति बनानी पड़ेगी।  

कमलनाथ का गढ़ बचाना आसान नहीं 
भाजपा ने कमलनाथ के गढ़ में सेंध लगाने के लिए बड़ी रणनीति तैयार की है। पहले पूर्व सीएम कमलनाथ और उनके बेटे नकुलनाथ के भाजपा में शामिल होने की अटकलें लगी। जब यह विफल हो गई तो भाजपा ने उनके करीबियों को तोड़ना शुरू कर दिया। छिंदवाड़ा में भाजपा के पदाधिकारी हजारों कांग्रेसियों के पार्टी में शामिल होने का दावा कर रहे हैं। 2019 में नकुलनाथ को लोकसभा चुनाव में करीब 37 हजार वोटों से जीत मिली थी। कमलनाथ भी विधानसभा का चुनाव 25 हजार वोटों से जीते। ऐसे में कयास लग रहे हैं कि इस बार पूर्व सीएम को अपना गढ़ बचाना बड़ी चुनौती होगा।  

anita
anita
Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
3,912FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles