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Sunday, May 19, 2024

सावधान: ठगों ने सरकारी कॉलेज में दाखिला कराने के नाम पर परिवार से 20 लाख ठगे

यदि कोई वेबसाइट या अंजान व्यक्ति सरकारी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में रुपये लेकर दाखिला कराने की बात करें तो जरा सावधान हो जाएं। कहीं ऐसा न हो कि आप भी किसी ठगों के चंगुल में फंसकर अपने लाखों रुपये गंवा दें। विकासपुरी के परिवार के साथ कुछ ऐसा ही हुआ। ठगों ने सरकारी कॉलेज में दाखिला कराने के नाम पर परिवार से 20 लाख ठग लिए। वारदात के बाद आरोपियों ने अपने मोबाइल फोन बंद कर लिए। कुछ और परिवारों के साथ भी इसी तरह ठगी हुई।

हैरत की बात यह है कि आरोपियों ने नेशनल मेडिकल कमिशन के आधिकारिक नंबर का इस्तेमाल करने के अलावा नामी कॉलेज के डीन का फैक्स नंबर भी इस्तेमाल किया। परिवार की शिकायत पर दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। पुलिस टक्निकल सविलांस की मदद से मामले की जांच कर रही है।

जानकारी के अनुसार पीड़ित इंद्र कुमार राय इंद्रेश (52) परिवार के साथ विकासपुरी में रहते हैं। इंद्र कुमार पेशे से अध्यापक हैं। इनके बेटे शिवम ने 2020 में नीट की परीक्षा दी थी। कम नंबर आने के कारण उनको सरकारी कॉलेज में एमबीबीएस में दाखिला नहीं मिला। शिवम दोबारा नीट परीक्षा की तैयारी करने लगा। इस दौरान उसे पता चला कि उससे भी कम नंबर लाने वाले उसके दोस्त को पश्चिम बंगाल के एक सरकारी कॉलेज में दाखिला मिल गया है।

 

शिवम ने उससे पूछा तो दोस्त ने बताया कि उसे सरकारी नॉमिनी कोटे से सीट मिल रही है। इसके लिए उसके परिवार ने 15 लाख रुपये दिए हैं। इंद्र कुमार ने शिवम के दोस्त के परिवार से बातचीत कर एडमिशन कराने का दावा कराने वालों रोहन सिंह, आशीष जायसवाल और रोहित से संपर्क किया।

पटना के सरकारी कॉलेज में दाखिले की बात कर आरोपियों 15 लाख की डिमांड की। दावा किया गया कि दाखिला मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य करवाएंगे। बाद में आरोपियों ने पीड़ित परिवार को दूसरे बढ़िया कॉलेज में दाखिले की बात की। वहां दाखिले के लिए 20 लाख की डिमांड की।

परिवार ने अपना शक दूर करने के लिए कॉलेज की वेबसाइट को चेक किया तो वहां सरकारी नॉमिनी कोटे की छह सीट रिजर्व होने का पता चला। इसके बाद पीड़ितों के पास नेशनल मेडिकल कमिशन के आधिकारिक नंबर से कॉल आया। भरोसा होने पर परिवार ने दो बार में 20 लाख रुपये आरोपियों को दे दिए।

 

इसके बाद कॉलेज के डीन के फैक्स नंबर से सीट कंफर्म होने का फैक्स आया। 18 जनवरी 2021 को शिवम को कॉलेज में ज्वाइन करना था। लेकिन आरोपी दाखिला कॉलेज में जाकर कंफर्म कराने से कतराते रहे। बाद में दाखिला न होने की बात कर रुपये लौटाने की बात करने लगे। इसके बाद आरोपियों ने अपने मोबाइल बंद कर लिये।

 

ठगी का अहसास होने पर परिवार ने मामले की सूचना पुलिस को दी। जिस दोस्त के दाखिला होने पर परिवार ने एडमिशन की बात की थी, उसके समेत कई अन्य भी ठगी का शिकार हुए। अब पीड़ित परिवार की शिकायत पर सोमवार को पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।

 

आर्थिक अपराध शाखा ने उच्च रिटर्न का झांसा देकर ठगी करने वाले ध्रुव इंफ्राटेल प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी ने पीड़ितों को पंजाब, यूपी और हरियाणा में रिलायंस टावर में 4जी इंटरनेट लगाने का काम मिलने का झांसा देकर निवेश करने पर उच्च रिटर्न देने का वादा किया था। उसपर निवेशकों से 85 लाख रुपये की ठगी करने का आरोप है।

 

शाखा की संयुक्त आयुक्त छाया शर्मा ने बताया कि आरोपी की पहचान किशनगढ़ निवासी शमशेर के रूप में हुई है।1989 में वह सीआरपीएफ में बतौर सिपाही भर्ती हुआ था। 2011 में उसने सेवा से वीआरएस लेने के बाद ध्रुव इंफ्राटेल प्राइवेट लिमिटेड नाम से कंपनी खोली। आरोपी पर बिंदापुर थाने में ठगी के दो मामले दर्ज हैं।

 

सोनीपत निवासी देवेंद्र कुमार, संजय कुमार, भरथरी व संदीप मलिक ने वर्ष 2015 में बिंदापुर थाने में उसके खिलाफ शिकायत की। जिसमें आरोप लगाया कि शमशेर और उसके सहयोगी अवध किशोर से 2012 में वजीर सिंह के माध्यम से मिले। आरोपियों ने झांसा दिया था कि उन्हें पंजाब, यूपी और हरियाणा में रिलायंस टावर में 4जी इंटरनेट लगाने व डीजल भरने का काम मिला है। उनके कारोबार में निवेश करने पर पीड़ितों को उच्च रिटर्न देने का वादा किया।

 

शिकायतकर्ताओं ने बैंक के मार्फत से 85 लाख निवेश किए। निवेश करने पर शमशेर ने अपनी कंपनी में देवेंद्र सिंह को निदेशक बना दिया साथ ही उन्हें 1500 शेयर भी जारी कर दिया। संजय को यूपी परियोजना के लिए सभी अधिकारिक पत्राचार पर हस्ताक्षर करने के लिए अधिकृत किया गया लेकिन आरोपियों ने न ही उन्हें काम दिया और न ही पैसे वापस किए। बाद में आरोपियों ने देवेंद्र को निदेशक पद से हटा दिया और फर्जी हस्ताक्षर के जरिए 1500 शेयर भी हस्तांतरित कर लिए। पुलिस मामले की जांच करने के बाद शमशेर को 28 मई को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है।

 

anita
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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