गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर में रविवार शाम को हुई घटना में नया-नया मोड़ आ रहा है। अब इसे दंगा कराकर कानून-व्यवस्था पर सीएम योगी आदित्यनाथ को घेरने की तैयारी से भी जोड़कर देखी जा रही है।दरअसल, जिस तरह से मुर्तजा सिर्फ धारदार हथियार लेकर पहुंचा था, उससे यही लगता है कि वह माहौल बिगाड़ने की कोशिश में था। अगर, उसे जनहानि करनी होती, तो धारदार हथियार की जगह बड़े हथियार या बम का इस्तेमाल करता। इस बात से जांच एजेंसियां भी इनकार नहीं कर रही हैं। जांच एजेंसियों का कहना है कि घटना दंगे की साजिश में हुई या आतंकी साजिश है, यह जांच पूरी होने के बाद साफ हो पाएगा। उधर, जांच एजेंसियां मुर्तजा और उसके करीबियों के बैंक खातों को भी खंगाल रही हैं।
वहीं गोरखनाथ मंदिर हमला मामले की जांच के लिए यूपी एटीएस की टीम मुंबई पहुंच गई है। कल टीम ने नवी मुंबई का दौरा किया जहां आरोपी मुर्तजा पहले अपने परिवार के साथ रहता था। मुर्तजा पिछले 3 साल से अपने परिवार वालों से नहीं मिला था।
जानकारी के मुताबिक, साजिश के दो पहलुओं पर एटीएस ने जांच शुरू कर दी है। सूत्रों का कहना है कि सीएम योगी आदित्यनाथ अक्सर कानून-व्यवस्था व प्रदेश में दंगा नहीं होने का जिक्र करते रहते हैं, इसलिए साजिश की आशंका जताई जा रही है। दूसरी तरफ, गोरखपुर में वर्ष 2007 में सीरियल ब्लास्ट भी हो चुके हैं, इस वजह से आतंकी साजिश से इनकार नहीं किया जा रहा है। इन सबके बीच घटना के तरीके को देखकर जानकार बता रहे हैं कि आरोपी के पीछे कोई मास्टरमाइंड जरूर होगा। मकसद यही समझ में आ रहा है कि पुलिस को उकसा कर फायरिंग कराई जाती, ताकि मामले को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जाए और सीएम योगी को कानून-व्यवस्था के नाम पर घेरा जा सके।
चौरीचौरा में तोड़फोड़-आगजनी से रची गई थी साजिश
कुछ दिन पहले चौरीचौरा में तोड़फोड़ और आगजनी कर कानून-व्यवस्था पर सरकार को घेरने की साजिश का मामला सामने आ चुका है। जिस दिन मुख्यमंत्री के तौर पर योगी आदित्यनाथ शपथ ले रहे थे, उसी दिन उनके गृह जनपद गोरखपुर के चौरीचौरा में उपद्रव कराकर दंगा कराने की साजिश रची गई थी। फिलहाल, एटीएस, पुलिस व एलआईयू एक-एक बिंदु पर जांच कर रही है।