सीरिया में अशांत माहौल के बीच भारत ने 75 नागरिकों को सुरक्षित लेबनान पहुंचा दिया है। इन लोगों में जम्मू कश्मीर के 44 जायरीन भी शामिल हैं। जायरीन राजधानी दमिश्क से लगभग 10 किलोमीटर दूर एक अन्य शहर सईदा जैनब में फंसे हुए थे। विदेश मंत्रालय ने बताया कि सीरिया में मौजूदा सुरक्षा स्थिति के आकलन और भारतीय नागरिकों की तरफ से लगातार मिलने अनुरोधों के बाद निकासी के इस ऑपरेशन का फैसला लिया गया। अब लेबनान से भारत आने के लिए उड़ानों का बंदोबस्त किया जाएगा।
तख्तापलट के बाद संवेदनशील हालात को देखते हुए भारत सरकार ने अभी भी सीरिया में रह रहे भारतीय नागरिकों को सतर्कता बरतने की सलाह दी है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि दमिश्क में मौजूद भारतीय दूतावास के संपर्क में बने रहें। दिशानिर्देशों पर भी ध्यान देने की अपील की गई है।
बशर अल असद की सरकार को अपदस्थ किए जाने के दो दिन बाद मंगलवार को सुरक्षित निकाले गए नागरिकों के संबंध में विदेश मंत्रालय ने कहा, सभी लोग वाणिज्यिक उड़ानों से भारत लौटेंगे। सरकार ने कहा कि विदेश में रह रहे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। सरकार सीरिया की स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है।
उथल-पुथल के बीच सीरिया में विद्रोही खेमे ने अंतरिम सरकार के प्रधानमंत्री की नियुक्ति कर दी है। विद्रोहियों ने मोहम्मद अल-बशीर को अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त किया है। खबरों में यह दावा किया जा रहा है। इस्लामी समूह हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) के नेतृत्व में विद्रोहियों ने राजधानी दमिश्क पर कब्जा करने के बाद मोहम्मद अल-बशीर को अंतरिम सरकार का मुखिया चुना। बता दें कि विरोध बढ़ने के बाद राष्ट्रपति बशर अल-असद को देश छोड़कर भागने पर मजबूर होना पड़ा। अपदस्थ राष्ट्रपति असद को फिलहाल रूस ने राजनीतिक शरण दी है।