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Tuesday, May 7, 2024

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने चीन से कहा- ताइवान को छोड़ोगे तो पूरी दुनिया होगी प्रभावित

ताइवान और चीन के बीच तनातनी बढ़ती ही जा रही है। चीन, ताइवान को लगातार धमकाने का काम कर रहा है लेकिन इस बीच अब अमेरिका ने ड्रैगन की तानाशाही को लेकर बड़ा बयान जारी किया है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने ताइवान की यथास्थिति को बदलने के खिलाफ चीन को आगाह किया है और कहा है कि ताइवान को छेड़ने की कोशिश मत करो नहीं तो इससे पूरी दुनिया प्रभावित होगी।

चीन ताइवान पर सैन्य और आर्थिक दबाव बनाने की कोशिश कर रहा: ब्लिंकनब्लिंकेन ने शुक्रवार को यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो के इंस्टीट्यूट ऑफ पॉलिटिक्स के संस्थापक निदेशक डेविड एक्सलरोड के साथ बातचीत के दौरान कहा कि पिछले कुछ वर्षों में चीन ताइवान पर सैन्य और आर्थिक दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि ताइवान पर, जो हमने पिछले कुछ वर्षों में देखा है, मुझे लगता है, चीन ने एक निर्णय लिया है कि वह इस यथास्थिति को बरकरार नहीं रहने देना चाहता है। यह यथास्थिति जो दशकों से चली आ रही थी और वास्तव में सफल रही है क्योंकि इससे दुनिया के अन्य देशों को भी मदद मिल रही है। क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए यथास्थिति बनाए रखना महत्वपूर्ण है।

ताइवान को छेड़ने से दुनिया की अर्थव्यवस्था को नुकसान होगा: ब्लिंकनहर दिन दुनिया भर में चलने वाले पचास प्रतिशत कंटेनर जहाज ताइवान जलडमरूमध्य से गुजरते हैं, दुनिया में निर्मित कंप्यूटर चिप्स का 70 प्रतिशत या उससे अधिक हिस्सा ताइवान में निर्मित होता है। ब्लिंकेन ने कहा कि अगर यह बाधित होता है तो पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को नुकसान होगा। निया के हर देश को यह सुनिश्चित करने में रुचि है कि जलडमरूमध्य में शांति और स्थिरता बनी रहे और मतभेदों को शांतिपूर्वक हल किया जाए, न कि दबाव से, न ही जबरदस्ती से।

चीन दुनिया भर के देशों से ताइवान के संबंधों को काटने की कोशिश कर रहा: ब्लिंकनहमने पिछले कुछ वर्षों में देखा है कि चीन दुनिया भर के देशों से ताइवान के संबंधों को काटने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका के नजरिए से, यथास्थिति ने काम किया है और यह अमेरिका के लिए महत्वपूर्ण है, जो ताइवान जलडमरूमध्य में शांति और स्थिरता बनाए रख रहा है।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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