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Thursday, May 2, 2024

रूस को आतंकवादी राज्य घोषित नहीं करेगा अमेरिका, बोला- ऐसा किया तो होंगे गंभीर परिणाम

अमेरिका रूस को ‘आतंकवाद का राज्य प्रायोजक’ देश घोषित नहीं करेगा। व्हाइट हाउस का मानना है कि ऐसा करने से गंभीर परिणाम होंगे और यूक्रेन के विभिन्न क्षेत्रों में पहुंचाई जाने वाली सहायता पर असर पड़ेगा। दरअसल, यूक्रेन ने अमेरिका से मांग की थी कि रूस को आतंकवाद का राज्य प्रायोजक देश घोषित किया जाए।

ने अमेरिका से मांग की थी कि रूस को आतंकवाद का राज्य प्रायोजक देश घोषित किया जाए।

मंगलवार को एक प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव करीन जीन-पियरे ने कहा, अमेरिकी राष्ट्रपति और हमारा मानना है कि रूस को जवाबदेह ठहराने के लिए आतंकवाद का पदनाम देना सबसे प्रभावी या सबसे मजबूत रास्ता नहीं है। उन्होंने कहा, ऐसा करने से यूक्रेन ही नहीं दुनिया के लिए बुरे परिणाम हो सकते हैं।

अनाज निर्यात हो सकता है बाधित

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव ने कहा, मानवीय विशेषज्ञों और गैर सरकारी संगठनों से हमने बात की है। उनका मानना है कि ऐसा करने से यूक्रेन के क्षेत्रों में सहायता पहुंचाने की क्षमता प्रभावित हो सकती है। इतना ही नहीं यह काला सागर बंदरगाह सौदे को भी खतरे में डाल सकता है, जिसके कारण दुनिया में एक मिलियन टन से अधिक यूक्रेनी खाद्य निर्यात पहुंच रहा है। पियरे ने यह भी कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को जवाबदेह ठहराने के अब तक के सभी प्रयासों को कम करके आंका जाएगा।

हमने पहले ही लागू कर दिए हैं प्रतिबंध

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव ने कहा, रूस को इस तरह के पदनाम दिए जाने के तहत लगाए जाने वाले प्रतिबंध उस पर पहले ही लागू किए जा चुके हैं। रूस को वैश्विक अर्थव्यवस्था से अलग करने के हमारे प्रयासों का महत्वपूर्ण प्रभाव भी पड़ रहा है। उन्होंने कहा, हम रूस की सैन्य आपूर्ति श्रृंखलाओं को बंद कर रहे हैं। इस कारण रूस को युद्ध सामग्री के लिए उत्तर कोरिया पर निर्भर होना पड़ रहा है। अमेरिकी रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूस ने लाखों रॉकेट और तोप के गोले खरीदने के लिए उत्तर कोरिया से संपर्क किया है। ऐसा इसलिए है कि अमेरिका व अन्य राष्ट्रों ने रूस पर प्रतिबंध लगाया हुआ है।

G7 के फैसले को भी लागू करेगा अमेरिका

व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जीन पियरे ने कहा, हम G7 देशों द्वारा घोषित रूसी तेल पर मूल्य सीमा लागू करने के फैसले को जल्द लागू कर पुतिन की मनमानी पर रोक लगाएंगे। उन्होंने कहा कि रूस के तेल पर मूल्य सीमा तय करना एक शक्तिशाली उपकरण है जिससे कि वैश्विक ऊर्जा की कीमतों में कमी आएगी और विश्व स्तर पर उपभोक्ताओं को लाभ होगा।

 

 

 

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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