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Friday, May 17, 2024

राज्यपाल पद से इस्तीफा देने के बाद तमिलिसाई सुंदरराजन ने थामा BJP का हाथ, कहा- मैं चुनाव लड़ना…

तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन ने बुधवार को एक बार फिर भाजपा का हाथ थाम लिया है। उन्होंने दो दिन पहले ही राज्यपाल पद से इस्तीफा दिया था।

यह एक कठिन फैसला
सुंदरराजन ने भाजपा में शामिल होने के बाद कहा, ‘मैं चुनाव लड़ना चाहती हूं और मैंने यह इच्छा अपनी पार्टी को भी बताई है। मैं खुश हूं कि मुझे एक बार फिर से सदस्यता कार्ड मिल गया है, जो मेरे पास है। यह सबसे खुशी का दिन है। यह एक कठिन फैसला है और एक अच्छा निर्णय भी। राज्यपाल के रूप में मेरे पास कई सुविधाएं थीं, लेकिन मैंने इसे छोड़ दिया। मुझे इसका एक प्रतिशत भी दुख नहीं है। तमिलनाडु में निश्चित तौर पर कमल खिलेगा।’

सोमवार को दिया था इस्तीफा
पुडुचेरी के राजभवन की तरफ से जारी बयान में उन्होंने इस केंद्र शासित प्रदेश के उपराज्यपाल पद छोड़ने की भी जानकारी दी थी। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया था, ‘तेलंगाना की माननीय राज्यपाल और पुडुचेरी की उपराज्यपाल डॉ. तमिलिसाई सुंदरराजन  ने तत्काल प्रभाव से अपना इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा भारत की माननीय राष्ट्रपति को भेज दिया गया है।’

अपने इस्तीफे के एलान के कुछ देर बाद उन्होंने कहा था कि उनके ऊपर ऐसा करने का कोई दबाव नहीं था। अब वह जनसेवा करना चाहती हैं। उन्होंने कहा था कि राज्यपाल के रूप में उन्होंने अपने कार्यकाल का आनंद लिया है। इस दौरान जब उनसे पूछा गया था कि उनका अगला कदम क्या होगा और क्या वह आगामी लोकसभा चुनाव लड़ेंगी? इस पर उन्होंने कहा था कि वह अपनी योजनाओं के बारे में बाद में बताएंगी। 

गौरतलब है तमिलिसाई सुंदरराजन को नवंबर 2019 में तेलंगाना का राज्यपाल नियुक्त किया गया था। इसके बाद उन्हें फरवरी 2021 में पुडुचेरी के उपराज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था। 

चुनाव लड़ने की अटकलें
कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि तमिलिसाई सुंदरराजन इस बार भाजपा के टिक्ट पर तमिलनाडु से चुनाव लड़ सकती हैं। बताया जा रहा है कि भाजपा उन्हें डीएमके नेता कनिमोझी के खिलाफ भी उतार सकती है। 2019 के चुनाव में सुंदरराजन ने चुनाव लड़ा था। हालांकि, उन्हें कनिमोझी के खिलाफ ही हार का सामना करना पड़ा। वहीं, 2009 में वे चेन्नई (उत्तर) सीट से प्रत्याशी रही थीं। हालांकि, यहां उन्हें डीएमके के टीकेएस एलंगोवन से हार का सामना करना पड़ा था।

कौन हैं टी सुंदरराजन?
63 साल की सुंदरराजन पेशे से डॉक्टर हैं। उनके पति, सुंदरराजन भी डॉक्टर हैं। उनका जन्म दो जून 1961 में तमिलनाडु के कन्याकुमारी जिले में हुआ था। तमिलिसाई सौंदरराजन ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत मद्रास मेडिकल कॉलेज में बतौर छात्र नेता के रूप में की थी। उन्होंने एथिराज कॉलेज ऑफ वूमन से भी पढ़ाई की। उन्होंने चेन्नई के रामचंद्र मेडिकल कॉलेज में बतौर सहायक प्रोफेसर काम किया है। उनके दो बच्चे हैं, जो पेशे से डॉक्टर हैं। 

सियासी परिवार से आती हैं सुंदरराजन
उनके पिता के अनंतन पूर्व सांसद और तमिलनाडु में कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। वहीं उनके चचेरे भाई अभिनेता और व्यवसायी से राजनेता बने विजय वसंत हैं। टी सुंदरराजन तमिलनाडु के नडार समुदाय से आती हैं। नडार समुदाय कन्याकुमारी, थूथुकुडी, तिरुनेलवेली और विरुधुनगर जिलों में प्रभावी स्थिति में है। तमिलनाडु और भारत दोनों की सरकारों द्वारा नडार कम्युनिटी को अन्य पिछड़ा वर्ग के रूप में वर्गीकृत और सूचीबद्ध किया गया है।

भाजपा ने बीते 10 सालों में तमिलानाडु में बहुत मेहनत की है। हालांकि 2019 में यहां उसका खाता भी नहीं खुला। इसके बावजूद स्टेट यूनिट हो या पीएम मोदी वो लगातार वो यहां लंबे समय से कैंप कर रहे हैं।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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