जीएसटी परिषद की करीब आठ माह बाद शुक्रवार को बैठक होने जा रही है। इसमें कोविड महामारी से जुड़ी सामग्री जैसे-दवाइयों, टीकों और चिकित्सा उपकरणों पर कर की दर कम करने पर विचार किया जाएगा।
सूत्रों ने बताया कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन की अगुवाई वाली परिषद की यह इस साल की पहली बैठक होगी। बैठक से पहले गैर-भाजपा शासित राज्यों मसलन राजस्थान, पंजाब, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, झारखंड, केरल और पश्चिम बंगाल ने कोविड से जुड़ी आवश्यक सामग्री पर शून्य कर की दर के लिए दबाव बनाने की संयुक्त रणनीति तैयार की है। जीएसटी परिषद में सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि शामिल हैं।
राज्यों को 2.69 करोड़ उपलब्ध कराने पर चर्चा
कर की दरों पर विचार विमर्श के अलावा परिषद में राज्यों को अनुमानत: 2.69 लाख करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराने पर भी चर्चा होगी। वर्ष 2017 में जीएसटी व्यवस्था लागू करते समय राज्यों को वैट और अन्य कर लगाने के उनके अधिकार को छोड़ने पर राजी करते हुए उनके राजस्व नुकसान की भरपाई का वादा किया गया था।
फिटमेंट समिति ने सौंप रिपोर्ट
सूत्रों ने बताया कि जीएसटी दरों पर फिटमेंट समिति ने परिषद को कोविड टीके, दवाओं और अन्य उपकरणों पर कर की दर को शून्य करने के गुण-दोष पर रिपोर्ट सौंप दी है। इस समिति में केंद्र और राज्यों के कर अधिकारी शामिल हैं।
वित्त मंत्री ने ठुकरा दी थी कर छूट की मांग
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने इस माह के शुरू में कोविड संबंधी टीकों, दवाओं और ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर को जीएसटी से छूट दिए जाने की मांग को एक तरह से खारिज करते हुए कहा था कि इस तरह की छूट दिए जाने से उपभोक्ताओं के लिए ये जीवनरक्षक सामग्री महंगी हो जाएगी क्योंकि इसके विनिर्माताओं को कच्चे माल पर दिए गए कर का लाभ नहीं मिल पाएगा।
अभी कितनी है टीके पर कर दर
वर्तमान में कोरोना टीके की घरेलू आपूर्ति और वाणिज्यिक तौर पर आयात पर पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है, जबकि कोविड दवाओं और ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर पर 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी लागू है। जहां तक राज्यों का राजस्व क्षतिपूर्ति की बात है केन्द्र ने चालू वित्त वर्ष के दौरान इस मद में 2.69 लाख करोड़ रुपये की कमी रहने का अनुमान लगाया है। केन्द्र को विलासिता, अहितकर और तंबाकू उत्पादों पर लागू उपकर से 1.11 लाख करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है जबकि शेष 1.58 लाख करोड़ रुपये उधार से जुटाने होंगे।