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Monday, May 20, 2024

कुलगाम में 40 घंटे के बाद सुरक्षाबलों ने तीन आतंकियों को किया ढेर

दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के रेडवानी इलाके में लगभग 40 घंटे के बाद आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ खत्म हो गई है। सुरक्षाबलों ने तीन आतंकियों को मार गिराया है। भारतीय सेना के चिनार कोर ने एक्स पर बताया कि कुलगाम के सामान्य क्षेत्र रेडवानी पाइन में 6-7 मई की मध्यरात्रि को शुरू हुआ एक संयुक्त अभियान लगभग 40 घंटे की निरंतर निगरानी के बाद समाप्त हो गया है। साथ ही तीन आतंकवादियों को मार गिराया गया है।

रेडवानी इलाके में सोमवार से चल रही मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने बुधवार शाम को एक और आतंकी को मुठभेड़ में मार गिराया था। इसके साथ ही इस मुठभेड़ में तीन आतंकियों को सुरक्षाबलों ने ढेर किया। इससे पहले मंगलवार को टीआरएफ का शीर्ष कमांडर बासित अहमद डार और उसका साथी फहीम अहमद बाबा मारा गया था। 

सूत्रों के अनुसार, सोमवार रात इलाके में तीन आतंकियों बासित अहमद डार, फहीम अहमद बाबा और मोमिन की मौजूदगी की सूचना के बाद सुरक्षाबलों ने इलाके में ऑपरेशन शुरू किया था।

पुंछ हमले में शामिल तीन आतंकियों के फोटो सामने आए
पुंछ में वायुसेना के काफिले पर हुए आतंकी हमले में लश्कर-ए-ताइबा का कमांडर अबू हमजा समेत तीन से ज्यादा आतंकी शामिल थे। सीसीटीवी में कैद तीन दहशतगर्दों की तस्वीरें बुधवार को वायरल हो गईं। एक प्रत्यक्षदर्शी का कहना है कि शनिवार को हुए हमले में आतंकी 20 मिनट तक अंधाधुंध गोलीबारी करते रहे। पुंछ के डन्ना शाहस्तार में हुए हमले में शामिल तीन आतंकियों के फोटो सामने आए हैं। इनमें लश्कर का पाकिस्तानी कमांडर अबू हमजा, पाकिस्तानी सेना का पूर्व कमांडो इलियास फौजी व पाकिस्तानी दहशतगर्द हदून नजर आ रहा है। पूर्व कमांडो कई वर्षों तक पाकिस्तानी सेना, आईएसआई और आतंकी संगठनों की साझा बैट टीम बार्डर एक्शन टीम में काम कर चुका है।

सुरक्षाबलों को आशंका है कि यही आतंकी राजोरी में भी अपने नापाक इरादों को पूरा करने के लिए घटनाओं को अंजाम देने में शामिल हैं। इनके फोटो सामने आने से एक बार फिर जम्मू -कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ाने में पाकिस्तान के शामिल होने का प्रमाण मिला है। इन तस्वीरों के आधार पर फोटो के आधार पर सुरक्षाबलों ने जल्द ही इन आतंकियों को उनके अंजाम तक पहुंचाने की संभावनाएं भी बढ़ गई हैं। इससे पूर्व पुंछ एवं राजोरी में होने वाले आतंकी हमलों में शामिल किसी भी आतंकी की पहचान नहीं हो पाई थी।

वायुसेना के काफिले पर हमले के एक प्रत्यक्षदर्शी असगर ने बताया, हमले के दौरान करीब 20 मिनट तक गोलीबारी होती रही। गोलियों की आवाज सुनकर मेरे बच्चे रोने लगे। हम डर गए थे। उन्होंने कहा कि मैं स्पष्ट रूप से यह नहीं कह सकता कि वहां कितने आतंकी थे क्योंकि मैं उन्हें घने जंगलों के कारण नहीं देख सका। इस इलाके में इस तरह की पहली मुठभेड़ थी। मैं हर रोज अब अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर भयभीत रहता हूं। हमले के बाद से इस दूरदराज के इलाके में रोज की आवश्यक आपूर्ति वाले वाहनों ने भी आना बंद कर दिया है। 

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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