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Sunday, May 19, 2024

त्रिपुरा में अफ्रीकन स्वाइन फ्लू फैलने से मचा बवाल

देश के पूर्वी राज्य मिजोरम में स्वाइन फ्लू फैलने के बाद त्रिपुरा में भी इस बीमारी ने दशतक दी है। त्रिपुरा के सेपाहिजाला जिले के अंतर्गत देवीपुर में पशु संसाधन विकास विभाग (एआरडीडी) द्वारा संचालित सरकारी प्रजनन फार्म में अफ्रीकन स्वाइन फ्लू (एएसएफ) के मामलों का पता चला है। विभाग के शीर्ष सूत्रों ने नाम न छापने की शर्त पर यह जानकारी दी।

वहीं, अगरतला के रोग जांच केंद्र के विशेषज्ञों की एक टीम सोमवार को फार्म पर पहुंची और स्थिति का पता लगाने के लिए रैपिड रिस्पांस टीमों का गठन किया। सात अप्रैल को तीन नमूने परीक्षण के लिए उत्तर-पूर्वी क्षेत्रीय रोग निदान प्रयोगशाला (NERDDL) भेजे गए थे। इसके बाद 13 अप्रैल को पीसीआर रिपोर्ट मिली थी जिसमें पुष्टि हुई थी कि सभी नमूने सकारात्मक थे।

फार्म में रहने वाले सूअरों में भी अफ्रीकी स्वाइन फ्लू का लक्षण मिलना इस बात के संकेत देते हैं कि यह संक्रामक रोग पहले ही फार्म में प्रवेश कर चुका है। पशुपालन विभाग द्वारा संचालित रोग जांच प्रयोगशाला के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि “इस मामले में एक अन्य रिपोर्ट भोपाल के राष्ट्रीय रोग निदान संस्थान से आने वाली है, वह अभी यहां नहीं पहुंची है।“

 

सूत्र ने बताया कि मुख्य रूप से सूअरों के फार्म में काम करने वालों को इस बीमारी से निपटने की सलाह दी गई है। उन्होंने बताया कि “हमने दो टास्क फोर्स का गठन किया है जिसके प्रत्येक समूह में दस लोग शामिल हैं। टीमों का नेतृत्व एक पशु चिकित्सा अधिकारी द्वारा किया जाएगा और वे सीधे नोडल अधिकारियों के पैनल को रिपोर्ट करेंगे। नोडल अधिकारियों की टीम में एआरडीडी की रोग जांच प्रयोगशाला के प्रभारी डॉ. मृणाल दत्ता व एसडीएम विशालगढ़ को शामिल किया गया है।

 

संक्रमित सूअरों को मारने का आदेश

सरकार ने इस बीमारी को रोकने के लिए संक्रमित सूअरों को बड़े पैमाने पर मारने के आदेश दिए हैं। इसके तहत पहले चरण में संक्रमित सूअरों को मारने के बाद उसे दफनाने के लिए आठ फीट लंबी और इतनी ही गहरी कब्र खोदी गई।

सूत्रों ने बताया कि “बीमारी को फैलने से रोकने के लिए शुरुआत में फार्म के एक किलोमीटर के दायरे में आने वाले सभी सूअरों को मारकर दफनाया जाएगा। हम इस बीमारी को फार्म और उसकी परिधि में सीमित करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि वायरस पूरे राज्य में न फैले।”

 

अफ्रीकन स्वाइन फ्लू की आधिकारिक पुष्टि के बारे में पूछे जाने पर सूत्रों ने कहा, प्रक्रिया के अनुसार प्रयोगशाला अधिकारी भारत सरकार को एक पत्र लिखेंगे और केंद्र मुख्य सचिव को मामले से अवगत कराएगा। उन्होंने कहा कि “आगे की सभी कार्यवाही केवल राज्य सरकार के आधिकारिक पत्र पहुंचने के बाद ही की जा सकती है,”

 

अधिकारियों के अनुसार, अज्ञात कारणों से कुल 63 व्यस्क सूअरों की मौत हुई है, जिसने सभी को सतर्क कर दिया है। अफ्रीकी स्वाइन फ्लू के प्रकोप से पहले फार्म के पिग शेड में 265 व्यस्क सूअर और 185 सूअर के बच्चे थे।

anita
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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