19 जनवरी की तारीख देश के लिए बेहद खास है। आज के दिन को देश में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल यानी आम भाषा में ‘एनडीआरएफ’ स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस साल एनडीआरएफ का 17वां स्थापना दिवस है। अनेक समय पर जब भी देश के भीतर कोई भी प्राकृतिक आपदा या संकट की परिस्थिति आती है, तब एनडीआरएफ की महत्वता सबसे अधिक होती है। एनडीआरएफ ने समय-समय पर इसे सिद्ध भी किया है।
कब हुई थी स्थापना?
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल यानी एनडीआरएफ की स्थापना वर्ष 2006 में आपादा प्रबंधन अधिनियम 2006 के तहत की गई थी। इसकी स्थापना का उद्देश्य आपदा या संकट की स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया करते हुए जान-माल की सुरक्षा करना होता है। एनडीआरएफ केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करता है। इसके अलावा स्वच्छ भारत अभियान, स्वास्थ्य जागरूकता, कुपोषण जागरूकता आदि के क्षेत्र में भी एनडीआरएफ सहायता कर रहा है।
पीएम मोदी ने दी बधाई
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एनडीआरएफ स्थापना दिवस की बधाई दी है। उन्होंने लिखा कि अक्सर चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में बचाव और राहत उपायों में एनडीआरएफ सबसे आगे हैं। एनडीआरएफ का साहस प्रेरक है। उन्हें उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं।
बुनियादी ढांचे और अनुसंधान पर जोर
पीएम मोदी ने लिखा कि आपदा प्रबंधन सरकारों और नीति निर्माताओं के लिए एक महत्वपूर्ण विषय है। आपदा प्रबंधन दल आपदाओं के बाद की स्थिति को कम करते हैं लेकिन हमें आपदा से बचाव के लिए बुनियादी ढांचे और इस विषय के अनुसंधान पर भी कार्य करना होगा। पीएम ने आगे कहा कि भारत ने आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन का एक प्रयास भी किया है। आपदा के समय अधिक से अधिक जीवन और संपत्ति की सुरक्षा हेतु हम एनडीआरएफ टीमों के कौशल को और तेज करने पर भी काम कर रहे हैं।
आपदा सेवा सदैव सर्वत्र
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) का ध्येय वाक्य ”आपदा सेवा सदैव सर्वत्र” है। इसका अर्थ है सभी परिस्थितियों में निरंतर आपदा प्रतिक्रिया सेवा। वर्तमान में एनडीआरएफ के प्रमुख अतुल करवाल हैं। उन्होंने 15 नवंबर, 2021 को अपना पद संभाला है।