अयोध्या में राम मंदिर की प्राणप्रतिष्ठा से पहले माहौल राममय होगा। मंदिरों में सुंदरकांड का पाठ होगा। राम नाम का जप किया जाएगा। स्वयं सेवकों की टोली घर-घर दस्तक देगी। हर परिवार को राममंदिर की प्राणप्रतिष्ठा से जोड़ा जाएगा।
अयोध्या में राममंदिर की प्राणप्रतिष्ठा का जश्न काशी सहित आसपास के जिलों में भी मनेगा। इसके लिए दुनिया का सबसे बड़ा श्रीराम जन्मभूमि प्राणप्रतिष्ठा गृह संपर्क अभियान शुरू किया गया है। 1 से 15 जनवरी तक आरएसएस और उससे जुड़े 32 अनुषांगिक संगठनों के साथ ही साधु और संतों की 55 हजार टोलियां काशी प्रांत के गांव-गांव और मोहल्लों में जाएंगी। हर टोली में चार सदस्य होंगे, जो 100 परिवारों से संपर्क साधेंगे। काशी प्रांत के अलग-अलग जिलों में 155 ब्लॉक और 204 नगर हैं। 22 हजार ग्राम पंचायतें हैं। हर घर के सभी सदस्यों को राममंदिर में पूजित अक्षत, राम मंदिर का चित्र भेंट किया जाएगा। गृह संपर्क अभियान देश के 6.70 लाख गांवों में चलना है।
18 से 21 जनवरी के बीच प्रभात फेरी निकलेगी। ढोल-मंजिरों के साथ संकीर्तन होगा। गांव-गांव में राममंदिर की प्राणप्रतिष्ठा का जश्न मनाया जाएगा। तीन दिनों तक राम नाम की धूम रहेगी।22 जनवरी की सुबह 11 बजे से 1 बजे तक काशी विश्वनाथ धाम और संकट मोचन सहित काशी और आसपास के जिलों के मंदिरों में पूजा-पाठ होगा। सुंदरकांड का पाठ किया जाएगा। श्री राम जय राम जय जय राम का जाप किया जाएगा। देर शाम दीपोत्सव मनाया जाएगा। हर घर में दीप जलेगा। घरों बाहर दरवाजे पर ओम पताका फहराया जाएगा।
राम मंदिर आंदोलन में हिस्सा लेने वाले कारसेवकों को सम्मानित किया जाएगा। काशी प्रांत में ऐसे 5000 कारसेवक हैं। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के प्रांत संगठन मंत्री नितिन ने बताया कि हर कारसेवक और उनके परिजनों को सम्मानित किया जा रहा है। 1990 के आंदोलन में पैदल और साइकिल से अयोध्या जाने वाले कारसेवकों को चिन्ह्ति किया गया है।