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Saturday, May 4, 2024

19 साल बाद चुनाव लड़ेगा कोई मुख्यमंत्री, गोरखपुर से पहले गुन्नौर में हुआ था ऐतिहासिक दंगल

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर शहर से चुनाव लड़ने जा रहे हैं। प्रदेश में 19 साल बाद कोई मुख्यमंत्री विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहा है। इससे पहले 2003 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने गुन्नौर से चुनाव लड़ा था। गुन्नौर के तत्कालीन विधायक अजीत कुमार यादव राजू ने मुलायम के लिए सीट खाली की थी। उसके बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री बने राजनाथ सिंह, मायावती, अखिलेश यादव और योगी आदित्यनाथ विधान परिषद सदस्य चुने गए थे।
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने 107 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अयोध्या से चुनाव लड़ने की चर्चाओं पर विराम लगाते हुए उन्हें गोरखपुर शहर से उम्मीदवार बनाया है। वहीं, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य कौशांबी की सिराथू सीट से चुनाव लड़ेंगे। हाल ही में पिछड़ा वर्ग व दलित विरोधी होने का आरोप लगाकर भाजपा से सपा में जाने वाले मंत्रियों व विधायकों को जवाब देते हुए करीब 59 फीसदी टिकट इसी वर्ग को दिया गया है। वहीं, मतदाताओं की नाराजगी को देखते हुए मौजूदा 20 विधायकों के टिकट काटे गए हैं। 21 नए चेहरों को मौका दिया गया है। पहली सूची में एक भी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया गया है।

यूपी के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने नई दिल्ली में टिकटों की घोषणा करते हुए कहा कि पार्टी सर्वहितैषी है। जीतने की क्षमता रखने वालों को ही टिकट मिलेगा। पहली सूची में हमने सभी वर्गों का समावेश किया है। नौजवान हैं, महिला हैं, विभिन्न क्षेत्रों के पेशेवर हैं। गरीब कल्याण नीति और सुशासन हमारी पार्टी और हमारी सरकारों का एजेंडा रहा है। यही कारण है कि केंद्र और राज्य की नीतियों, कार्यक्र्तमों और योजनाओं का सर्वाधिक लाभ इसी वर्ग को मिला है।

सीएम योगी ने जताई खुशी

योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर शहर विधानसभा उम्मीदवार बनाए जाने पर खुशी जाहिर की है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के प्रति आभार जताया है और कहा की पार्टी के कार्यकर्ताओं, प्रत्याशी और कार्यकर्ताओं की बदौलत एक बार फिर से भाजपा की सरकार प्रदेश में बनेगी। 10 मार्च को पूर्ण बहुमत के साथ प्रदेश में भाजपा सरकार बनाएगी।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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