प्रदेश में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश इनोवेशन फंड का गठन किया जाएगा। इसमें तकनीकी विश्वविद्यालय, शिक्षण संस्थान और उच्च शिक्षण संस्थान आगामी 2 से 3 वर्ष में 400 करोड़ रुपये का योगदान देंगे। वहीं कुशल इनवेस्टमेंट मैनेजर की ओर से अन्य निवेशकों की सहभागिता से 4000 करोड़ रुपये तक का निवेश स्टार्ट अप्स में कराया जाएगा। योगी कैबिनेट की बृहस्पतिवार को आयोजित बैठक में यूपी इनोवेशन फंड की स्थापना का प्रस्ताव मंजूर किया गया।
मंत्रिपरिषद ने फंड के संचालन के लिए ट्रस्ट, लॉ-फर्म तथा इनवेस्टमेंट मैनेजर का चयन मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति के जरिये किया जाएगा। मैसर्स डिलॉएट चयन की प्रक्त्रिस्या में सलाहकार के रूप में कार्य करेगी। मंत्रिपरिषद ने फंड की स्थापना तथा राज्य सरकार की ओर से अपेक्षित अग्रेत्तर कार्यवाहियों के लिए प्राविधिक शिक्षा विभाग को नोडल विभाग नियुक्त करने की मंजूरी दी है। साथ ही फंड की सलाहकार कमेटी में प्राविधिक शिक्षा विभाग तथा उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों को शासन के प्रतिनिधि के रूप में सदस्य रहने के प्रस्ताव भी मंजूर किया है।
इनवेस्टमेंट मैनेजर की ओर से समय-समय पर यूपी इनोवेशन फंड के कॉर्पस से उपयुक्त समय-सारिणी के अनुसार अल्टरनेटिव इनवेस्टमेंट फंड (एआईएफ) गठित कर सेबी (एसईबीआई) में पंजीकृत कराया जाएगा। एआईएफ की ओर से स्टार्टअप में निवेश किया जाएगा। एआईएफ की ओर से यूपी इनोवेशन फंड से प्राप्त पूंजी के सापेक्ष 3 से 9 गुना तक की पूंजी निजी निवेशकों (आईपी) से प्राप्त की जाएगी।
उत्तर प्रदेश के स्टार्ट अप्स को यूपीआईएफ के तहत निवेश में वरीयता प्रदान की जाएगी। यह प्रयास भी रहेगा कि यूपीआईएफ के तहत निवेश प्राप्त करने वाले अन्य स्टार्टअप्स अपना बिजनेस उत्तर प्रदेश में अवश्य स्थापित करें। फंड की एडवाइजरी कमेटी में प्राविधिक शिक्षा विभाग तथा उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारी शासन के प्रतिनिधि के रूप में सदस्य रहेंगें। एडवाइजरी कमेटी की ओर से इनवेस्टमेंट मैनेजर को अबाध्यकारी सुझाव दिए जा सकेंगे।
यूपी इनोवेशन फंड के तहत राज्य सरकार का हस्तक्षेप कम से कम रहेगा। राज्य सरकार की ओर से आवश्यकतानुसार इनवेस्टमेंट मैनेजर को अबाध्यकारी सुझाव दिए जा सकेंगे। मंत्रिपरिषद के अनुमोदन केबाद शासनादेश वित्त विभाग से किया जाएगा। प्राविधिक शिक्षा विभाग को नोडल विभाग के रूप में कार्य करेगा।