अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर मंगलवार को पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ट्रांसजेंडरों ने भी योगासन किया। इस दौरान अतश्री ने कहा, तीन सप्ताह पहले हमें पीएम का न्यौता मिला था। मुझे पहले यकीन ही नहीं हो रहा था कि इस तरह के सार्वजनिक कार्यक्रम में उन्हें भी सम्मान दिया जा रहा है। मैं बहुत खुश हुई। मेरे साथ बाकी ने भी न्यौता स्वीकार किया और एक सप्ताह तक हमने योग का प्रशिक्षण लिया।
अपनी नम आंखों को पोंछते हुए अतश्री बोलीं, देश के करोड़ों लोगों के लिए प्रधानमंत्री आदर्श हैं। मुझे उम्मीद है जिस सम्मान के साथ हम पीएम के साथ बैठे हैं वह सम्मान समाज में भी उन्हें मिलेगा। इसी बीच ट्रांसजेंडर मधु ने बताया कि मैसूरू में ट्रांसजेंडर समुदाय की कुल आबादी करीब तीन से चार हजार है।
पीएम के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद ट्रांसजेंडर मधु ने अपने मोहल्ले में हर सुबह योग प्रशिक्षण देने का फैसला लिया है। मधु पेशे से मैसूरू सिल्क का व्यापार करती हैं। उन्होंने कहा, देश के प्रधानमंत्री ने हमारी भावनाओं को समझा। यह सम्मान हम कभी नहीं भूल पाएंगे।
योग कार्यक्रम के दौरान मैसूरू से करीब 150 दृष्टिहीन और मूक-बधिर बच्चों ने सहभागिता की। इस दौरान एक 11वीं कक्षा के छात्र रामा ने कहा, सर मैं अपनी आंखों से देख नहीं सकता लेकिन मैं सुन जरूर सकता हैं। मैं प्रधानमंत्री के हर कार्यक्रम को रेडियो और मोबाइल फोन पर सुनता हूं। मेरे लिए पीएम मोदी आदर्श हैं। भले ही मेरे जीवन में रोशनी नहीं है लेकिन मैं फिर भी नरेंद्र मोदी जैसा बनना चाहता हूं।
दृष्टिबाधित 10वीं की छात्रा विरेश ने कहा, सर मैं जन्म से ही दृष्टिहीन हूं। मैंने इस दुनिया को नहीं देखा है लेकिन बाकी चीजों की तरह मैं योग को महसूस कर सकती हूं इसके एक-एक योगासन को मैंने मन से सीखा है और अब मैं रोजाना योग की दृष्टि से पूरी दुनिया देख रही हूं। वहीं छात्रा मानू कुमार ने कहा, वे अपने स्कूल रंगाराव मेमोरियल में रोजाना योग करती हैं। योग से शांति मिलती है।