सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के कार्यकाल में जहां पूरा कुनबा सियासत में तेजी से बढ़ा, वहीं नई सपा में परिवारवाद पर ब्रेक लगता दिख रहा है। इसे सपा की छवि बदलने की छटपटाहट के तौर पर देखा जा रहा है। पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव इस चुनाव में परिवारवाद की छवि से बाहर निकलने का प्रयास कर रहे हैं। वह वन मैन शो की भूमिका में है।
मुलायम परिवार से अभी तक करहल से अखिलेश और जसवंत नगर से शिवपाल सिंह यादव चुनावी मैदान में हैं। शिवपाल अपनी पार्टी प्रसपा के अध्यक्ष के तौर पर चुनावी मैदान में हैं। उनकी पार्टी सपा के साथ गठबंधन में शामिल है। प्रसपा का चुनाव चिह्न जब्त होने की स्थिति में वह साइकिल के सिंबल पर मैदान में उतरेंगे।
अन्य चुनावों में जहां मुलायम परिवार का एक-एक सदस्य किसी न किसी विधानसभा क्षेत्र पर दावा करता नजर आता था, वहीं इस बार न तो परिवार के लोग चुनावी मैदान में हैं और न ही रिश्तेदार। टिकट वितरण से लेकर सहयोगियों को लामबंद करने और सियासी रणनीति तैयार करने में अखिलेश एकला चल रहे हैं।
सूत्रों का यह भी कहना है कि अभी तक परिवार के जो लोग टिकट दिलाने का दावा करते थे, वे भी अलग-थलग हैं। परिवार के लोगों को टिकट देने पर राजी न होने की वजह से मुलायम की बहू अपर्णा यादव व समधी हरिओम यादव को भाजपा का दामन थामना पड़ा।
मुलायम परिवार पर एक नजर
सैफई के मेवाराम यादव के दो बेटे थे सुघर सिंह और बच्चीलाल। सुघर सिंह के पांच बेटे रतन सिंह, अभय राम यादव, मुलायम सिंह यादव, राजपाल सिंह यादव और शिवपाल सिंह यादव हैं। जबकि बच्चीलाल के बेटे रामगोपाल यादव हैं।
1- मुलायम सिंह के बेटे अखिलेश यादव सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। ऑस्ट्रेलिया से पर्यावरण प्रबंधन में डिग्री लेने वाले अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव कन्नौज की पूर्व सांसद हैं। मुलायम की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता के बेटे प्रतीक यादव हैं। वह राजनीति से दूर रहकर अपना बिजनेस करते हैं, जबकि प्रतीक की पत्नी अपर्णा भाजपा में जा चुकी हैं।
2- रतन सिंह के बेटे रणवीर सिंह थे। रणवीर की पत्नी मृदुला सैफई ब्लॉक प्रमुख हैं। इनके बेटे तेजप्रताप यादव मैनपुरी से सांसद रह चुके हैं। तेजप्रताप ने इंग्लैंड की लीड्स यूनिवर्सिटी से मैनेजमेंट साइंस में एमएससी की है। तेजप्रताप की पत्नी राजलक्ष्मी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की बेटी हैं।
3- मुलायम सिंह के भाई अभय राम सिंह यादव हैं। इनके बेटे धर्मेंद्र सिंह यादव पूर्व सांसद हैं। धर्मेंद्र पार्टी में पश्चिमी यूपी की गतिविधियों पर नजर रखते हैं। धर्मेंद्र के भाई अनुराग भी राजनीति में सक्रिय हैं। इनकी बहन संध्या यादव जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं। इस बार जिला पंचायत चुनाव में वह सपा छोड़कर भाजपा में जा चुकी हैं।
4- मुलायम सिंह के भाई राजपाल सिंह यादव की पत्नी प्रेमलता इटावा की जिला पंचायत अध्यक्ष रही हैं। प्रेमलता मुलायम परिवार की पहली महिला हैं, जिन्होंने राजनीति में कदम रखा था। अब इनके बेटे अंशुल यादव इटावा से जिला पंचायत अध्यक्ष हैं।
5- मुलायम के साथ कंधे से कंधा मिलाकर निरंतर चलने वाले शिवपाल सिंह इस बार भी चुनावी मैदान में हैं। उन्होंने अब प्रगतिशील समाजवादी पार्टी बना ली है। सार्वजनिक मंच से खुद मुलायम सिंह कहते रहे हैं कि राजनीति में सबसे ज्यादा मदद शिवपाल ने की। वह मुलायम के लिए पोस्टर तक चिपकाते थे। केंद्र की राजनीति में जाने के बाद मुलायम सिंह ने अपनी परंपरागत सीट जसवंत नगर शिवपाल को सौंपी। तब से वह लगातार विधायक हैं। शिवपाल इस बार भी चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन उनके बेटे आदित्य यादव चुनाव नहीं लड़ेंगे। आदित्य यूपी कोऑपरेटिव फेडरेशन के चेयरमैन हैं। शिवपाल की पत्नी सरला यादव और बेटी अनुभा यादव भी कोऑपरेटिव बैंक की निदेशक हैं।
6- मुलायम सिंह की बहन कमला यादव हैं। इनके पति अजंट सिंह यादव ब्लॉक प्रमुख रह चुके हैं।
रामगोपाल यादव का परिवार
मुलायम सिंह के चचेरे भाई व सपा महासचिव रामगोपाल यादव राज्यसभा सदस्य हैं। उनके बेटे अक्षय प्रताप यादव फिरोजाबाद से सांसद रह चुके हैं। पौत्र कार्तिकेय भी चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में थे, लेकिन उन्हें मना कर दिया गया है। इसी तरह रामगोपाल की बहन गीता यादव के बेटे अरविंद सिंह यादव सपा से एमएलसी रह चुके हैं।