लखनऊ, 29 अप्रैल 2025, मंगलवार। अलीगढ़ में रविवार को समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन के काफिले पर हुए सनसनीखेज हमले ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। इस हमले की जिम्मेदारी क्षत्रिय करणी सेना के युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष ओकेंद्र राणा ने न केवल स्वीकार की, बल्कि इसे अपनी रणनीति का हिस्सा बताते हुए सपा के खिलाफ आक्रामक तेवर भी दिखाए। ओकेंद्र ने एक वीडियो जारी कर दावा किया कि हमला उनकी टीम ने अंजाम दिया, लेकिन अफसोस जताया कि सुमन “एक बार फिर बच गए।”
हमले का घटनाक्रम और रणनीति का खुलासा
आगरा से बुलंदशहर जाते वक्त गभाना टोल प्लाजा के पास सुमन के काफिले पर यह हमला हुआ। हमलावरों ने काफिले की गाड़ियों पर टायर और पत्थर फेंके, जिससे कई गाड़ियां आपस में टकरा गईं और क्षतिग्रस्त हो गईं। ओकेंद्र ने वीडियो में खुलासा किया कि उन्हें सुमन के काफिले की जानकारी कुछ मिनट पहले ही मिली थी। उन्होंने तुरंत अपनी टीम को सक्रिय किया, लेकिन समय की कमी के कारण हमला उतना प्रभावी नहीं हो सका, जितना वे चाहते थे। ओकेंद्र ने धमकी भरे लहजे में कहा, “अगर हमें दो घंटे पहले पता चलता, तो नतीजा और खतरनाक होता। हमारा मकसद साफ है—जब तक सपा को घुटनों पर नहीं लाएंगे, चैन से नहीं बैठेंगे।”
सपा और प्रशासन पर निशाना
ओकेंद्र ने सपा सांसद सुमन को “देशद्रोही” करार देते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने हिंदुओं और एक महापुरुष को “गद्दार” कहा, जिसे वे बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने प्रशासन पर भी सुमन को बार-बार बचाने का आरोप लगाया और चेतावनी दी कि ऐसे लोगों की सुरक्षा नहीं होनी चाहिए। ओकेंद्र ने हमले में शामिल अपनी टीम की तारीफ करते हुए कहा, “इस बार सिर्फ कुछ गाड़ियां टूटीं, लेकिन अगली बार नतीजा अलग होगा।”
पहले भी निशाने पर रहे सुमन
यह पहला मौका नहीं है जब रामजी लाल सुमन निशाने पर आए हैं। इससे पहले आगरा में उनके घर पर भी हमला हो चुका है, जिसमें ओकेंद्र राणा मुख्य अभियुक्त था। 12 अप्रैल को आगरा में हुए एक सम्मेलन में ओकेंद्र मंच पर मौजूद था, लेकिन पुलिस उसे गिरफ्तार करने में नाकाम रही। इस बार भी हमले के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए और हमले की निंदा की।