केंद्र ने अपनी महत्वाकांक्षी अरावली ग्रीन वाल परियोजना के पहले चरण में आठ लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में बिगड़े हुए इकोसिस्टम को सुधारने की योजना बनाई है। इस परियोजना के तहत उत्तर पश्चिम भारत में अरावली पर्वत श्रृंखला के चारों ओर हरित बफर क्षेत्र विकसित करना है। यह पहल भारत के जलवायु लक्ष्य को हासिल करने में अहम होगी।
अरावली जीर्णोद्धार की कार्ययोजना के अनुसार सरकार पहले चरण में सरकार अनुमानित 16,053 करोड़ रुपये खर्च कर सकती है। इस परियोजना का उद्देश्य भूक्षरण और थार रेगिस्तान के पूर्व की ओर विस्तार को नियंत्रित करना है।गुजरात से दिल्ली तक 700 किलोमीटर तक फैली अरावली पर्वतमाला मरुस्थलीकरण के विरुद्ध प्राकृतिक अवरोध का काम करती है, जो थार रेगिस्तान के विस्तार को रोकती है तथा दिल्ली, जयपुर और गुरुग्राम जैसे शहरों की रक्षा करती है।