वाराणसी, 4 दिसंबर 2024, बुधवार। वाराणसी के उदय प्रताप कॉलेज में मस्जिद के निर्माण को लेकर चल रहे विवाद को लेकर ज्ञानवापी की देखरेख करने वाली समिति अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव एसएम यासीन ने स्थिति साफ की है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि वाराणसी के उदय प्रताप कॉलेज प्रशासन को जारी नोटिस वर्ष 2021 में ही निरस्त किया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि इसलिए कोई भी किसी भी के उकसावे में न आए और अफवाहों पर ध्यान न देकर शांतिपूर्ण तरीके से रहें। इस संबंध में उन्होंने यूपी कॉलेज स्थित मस्जिद के संबंध में यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड से पत्राचार कर वास्तविक स्थिति की जानकारी मांगी। वक्फ बोर्ड के विधि अधिकारी अब्दुल मोबीन खां द्वारा उन्हें लिखित में बताया गया कि छह दिसंबर 2018 को तत्कालीन सहायक सचिव आले अतीक ने नोटिस जारी किया था। मगर, 18 जनवरी 2021 को वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के आदेश पर नोटिस निरस्त कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि उस नोटिस के संबंध में कोई भी कार्यवाही अब प्रचलन में नहीं है। इसलिए किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न दिया जाए।
वक्फ बोर्ड ने छोड़ा दावा, प्राचार्य ने छात्रों से की सौहार्द की अपील!
वाराणसी के उदय प्रताप कॉलेज में एक मस्जिद के निर्माण को लेकर चल रहे विवाद ने एक नया मोड़ ले लिया है। कुछ दिन पूर्व, वक्फ बोर्ड ने कॉलेज की संपत्ति पर दावा किया था, जिसके विरोध में यूपी कॉलेज के छात्रों ने विरोध दर्ज कराते हुए हनुमान चालीसा पढ़ने की कोशिश की थी। इस दौरान, छात्रों ने वक्फ बोर्ड का पुतला दहन किया है, जो कि इस विवाद की गंभीरता को दर्शाता है। वहीं, यूपी कॉलेज में मौजूद मजार पर वक्फ बोर्ड द्वारा अपना दावा छोड़ने के बाद प्रिंसिपल डॉ. डीके सिंह ने सभी छात्रों से सौहार्द बरतने की अपील की है। इस विवाद के पीछे की वजह यह है कि वक्फ बोर्ड ने कॉलेज की संपत्ति पर दावा किया था, जिसे छात्रों ने स्वीकार नहीं किया। इस विवाद को शांत करने के लिए प्रिंसिपल डॉ. डीके सिंह ने सभी छात्रों से सौहार्द बरतने की अपील की है।