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Tuesday, June 24, 2025

यूपी की जैव विविधता पर 6 वर्षों की मेहनत का दिखने लगा सकारात्मक असर

– योगी के पौधरोपण महाअभियान से मजबूत हुई है प्रदेश की जैवविविधता

– प्रदेश में बाघ, हाथी, सारस और गिद्धों की संख्या में हुआ इजाफा

– वन्य जीवों की बढ़ोतरी, मजबूत होती जैव विविधता का सबसे बड़ा उदाहरण

लखनऊ,

प्रदेश को हरा भरा बनाने, पर्यावरण संतुलन स्थापित करने, जन-जन में पौधरोपण के संस्कार विकसित करने व बच्चों को प्रकृति की व्यावहारिक शिक्षा देने के लिए तथा कृषकों की आय में वृद्धि के लिए, बीते छह साल से योगी सरकार पौधरोपण को महाअभियान की तरह चला रही है। विभिन्न विभागों व व्यापक जन सहभागिता से अबतक 135 करोड़ पौधे प्रदेश में रोपित किए जा चुके हैं। इस साल भी वर्षाकाल में 35 करोड़ पौध रोपित किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर बीते छह साल से चलाए जा रहे इस महाअभियान के सुखद परिणाम भी सामने आने लगे हैं। प्रदेश की जैव विविधता को मजबूत आधार देने के लिए पौधरोपण अभियान किसी वरदान से कम साबित नहीं हुआ है।

वनों के समुचित संरक्षण से वन्य जीवों की संख्या में हुआ इजाफा

पौधरोपण अभियान का ही नतीजा है कि प्रदेश में हरित क्षेत्रफल में वृद्धि दर्ज की गई है। वृक्षों के समुचित संरक्षण के फलस्वरूप वन्य जीवों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। प्रदेश में राष्ट्रीय पशु बाघ की संख्या विगत पांच साल में 118 से बढ़कर 173 हो गयी है। इसी प्रकार हाथियों की संख्या भी 265 से बढ़कर 352 हो गयी है। यही नहीं राज्य पक्षी सारस की संख्या में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। विगत पांच वर्षों में सारस की संख्या 13,670 से बढ़कर 17,586 हो गयी है। बता दें कि पीलीभीत टाइगर रिजर्व में वर्ष 2018 में टाइगरों की संख्या 25 थी जो बढ़कर 65 होने पर बाघ संरक्षण से जुड़ी महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं यूएनडीपी, आईयूसीएन, जीटीएफ, डब्ल्यू डब्ल्यू ई, कैट दि लॉन्स शेयर की संयुक्त सहभागिता से पीलीभीत टाइगर रिजर्व को टीएक्स टू का प्रथम ग्लोबल अवार्ड भी मिल चुका है।

योगी के महाअभियान से जैव विविधता के संरक्षण को मिली नई ताकत

जैव विविधता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सत्ता संभालने के बाद से ही पौधरोपण अभियान को शासन की प्राथमिकता में ला दिया है। स्टेट ऑफ फारेस्ट रिपोर्ट-2021 के अनुसार उत्तर प्रदेश में वनावरण तथा वृक्षावरण में 794 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई है। पौधरोपण महाअभियान का ही नतीजा है कि प्रदेश की जैव विविधता के संरक्षण को मजबूती मिली है। साथ ही साथ नये-नये प्राणी उद्यानों के जरिए भी जीवों के संरक्षण के लिए योगी सरकार पूरी संजीदगी के साथ काम कर रही है। फिर चाहे पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रथम प्राणि उद्यान ‘शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान’ का शुभारम्भ हो या कैम्पियरगंज रेंज के अन्तर्गत स्थापित ‘रेड हेडेड गिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन केन्द्र’, मुख्यमंत्री के प्रयासों का ही नतीजा है कि लखनऊ के नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान को अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर ‘वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ जू एक्यूरियम (वाजा) की सदस्यता मिल चुकी है। वनीकरण में वृद्धि होने के कारण मानव और वन्य जीव संघर्षों में भी बीते 6 साल में कमी आई है। उत्तर प्रदेश मानव वन्य जीव संघर्ष को आपदा घोषित करने वाला देश का पहला राज्य है। इतना ही नहीं प्रदेश 10 वेटलैण्डस के साथ देश का सर्वाधिक रामसर साइट घोषित राज्य भी बन चुका है। भारत की आजादी के ‘अमृत महोत्सव’ के अवसर पर प्रदेश में ‘अमृत वन’ की स्थापना के साथ ही नगर वन, खाद्य वन, शक्ति वन तथा बाल एवं युवा वन की स्थापना भी की गयी है।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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