बिहार में कोरोना विस्फोट हुआ है। पटना में कोरोना की रफ्तार तेज हो गई है। बीते 10 दिनों से जिस हिसाब से कोरोना बढ़ रहा है, उससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि अगले 10 से 15 दिनों में पटना में प्रतिदिन एक हजार मरीज मिल सकते हैं। आंकड़ों के अनुसार, पटना में बीते 10 दिनों में कोरोना ने 20 गुना से अधिक की रफ्तार पकड़ी है।
बिहार में लॉकडाउन पर आज होगा फैसला
राज्य में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमितों के आंकड़े पर पर जब पत्रकारों ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछा कि बिहार में लॉकडाउन लगेगा? इस सवाल पर सीएम नीतीश कुमान ने कहा कि इसके बारे हम मंगलवार को क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप बैठक के बाद ही निर्णय लेंगे। कोरोना वायरस के बढ़ते मामले की समीक्षा करने के बाद ही लॉकडाउन पर फैसला लिया जाएगा।
बिहार में कोरोना के 344 नए मामले दर्ज
राज्य स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि सोमवार को बिहार में 344 नए कोविड मामले दर्ज किए गए। जिससे राज्य में कुल सक्रिय मामलों का आंकड़ा 1,385 हो गया है। सोमवार को सबसे ज्यादा 160 मामले पटना में दर्ज किए गए। इसके बाद 88 मामले गया जिले में दर्ज किए गए हैं।
एनएमसीच में 84 डॉक्टर संक्रमित
वहीं, पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल (एनएमसीएच) में अब तक 84 डॉक्टर संक्रमित मिले हैं। एक साथ इतनी संख्या में मिले संक्रमित डॉक्टरों से एनएमसीएच समेत पूरी राजधानी में हड़कंप मचा हुआ है। एनएमसीएच के चिकित्सा अधीक्षक डॉ बिनोद कुमार सिंह ने सोमवार को कहा, “पटना में नालंदा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के 72 और डॉक्टरों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है।
एनएमसीएच के चिकित्सा अधीक्षक डॉ बिनोद कुमार सिंह के मुताबिक, रविवार को मेडिकल कॉलेज से 194 लोगों का सैंपल लिया गया था, जिसमें एक साथ 72 डॉक्टरों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इससे पहले शनिवार को 12 डॉक्टर संक्रमित पाए गए थे। इस तरह एनएमसीएच में अब तक 84 डॉक्टर संक्रमित हो चुके हैं। इससे आशंका बढ़ गई है कि अस्पताल में इलाज करा रहे मरीज, स्टाफ और आसपास में कोरोना विस्फोट हो चुका है और इसकी चपेट में कई लोग आ सकते हैं।
अस्पताल प्रबंधन के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती है कि जिन डॉक्टर की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, वे ड्यूटी पर थे और मेडिकल स्टॉफ के साथ-साथ मरीजों के भी संपर्क में थे। ऐसे में मरीजों और उनके परिजनों की पहचान कर उनकी जांच की जाए ताकि पता चल सके कि ये लोग कोरोना के किस वैरिएंट के तहत बीमार पड़े हैं। पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है। डॉक्टरों में कोरोना के हल्के लक्षण पाए गए हैं। अस्पताल कैंपस में ही उन्हें क्वारंटीन में रहने की व्यवस्था की गई है।