‘सीय राम मैं सब जग जानी। करउं प्रनाम जोरि जुग पानी।’ रामचरित मानस के बालकाण्ड में राम वंदना करते हुए गोस्वामी तुलसीदास ने जो लिखा, वह रविवार को यहां अयोध्या में सरयू के पावन तट पर बनी राम की पैड़ी में चरितार्थ हो गया। रामानंद सागर की ‘रामायण’ में राम बने अरुण गोविल की आंखों में जो ममत्व पूरे धारावाहिक में उनके प्रति दर्शकों के आकर्षण का मुख्य कारण बना, वही ममत्व आंखों में लिए अभिनेता प्रभास ने जब अयोध्या की धरती को अपनी अगली फिल्म ‘आदिपुरुष’ की साथी कलाकार कृति सैनन के साथ प्रणाम किया तो पूरा अयोध्या ही गूंज उठा, ‘जय श्री राम! जय जय श्री राम!’ हर तरफ पटाखे छूट उठे। देर तक आतिशबाजी हुई और यूं लगा कि अयोध्या में इस बार दिवाली 22 दिन पहले ही आ गई है।
फिल्म ‘आदिपुरुष’ भारतीय सिनेमा का एक नया प्रस्थान बिंदु है। अमेरिका से पढ़ाई करके लौटने वाले यूं तो भारत में तमाम कौशल प्रवीण तकनीशियन हैं लेकिन फिल्म ‘आदिपुरुष’ के निर्देशक ओम राउत ने अमेरिका से लौटकर भारतीय संस्कृति की कहानियों को फिर से लिखने और उन्हें फिर से सिनेमा के जरिये कहने का जो प्रण लिया, उसका नया सोपान फिल्म ‘आदिपुरुष’ है। दो दिन पहले ही दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों फिल्म ‘तानाजी द अनसंग वॉरियर’ के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार पाने वाले ओम राउत ने फिल्म ‘आदिपुरुष’ के रविवार को अयोध्या में रिलीज हुए टीजर को अपनी अनवरत साधना का नया अध्याय बताया।
राम की पैड़ी में भी मंच पर जब वह आए तो उनकी आंखें सजल दिखीं। विशालकाय परदे पर टीजर दिखते ही उपस्थित जनसमुदाय ने जिस जोश और उत्साह के साथ ‘जय श्री राम’ के उद्घोष किए, उससे भी वह प्रफुल्लित दिखे। ओम राउत कहते हैं, ‘राम ने अपनी वानर सेना के सहयोग से लंका जीती। मेरी टीम भी राम की ही सेना की तरह अनवरत काम करती रही है। ये इस पूरे समूह की मेहनत की पहली झलक है जो दुनिया ने टीजर के साथ देखी। अभी फिल्म का ट्रेलर आना है और इसके बाद 12 जनवरी को पूरी दुनिया राम की ये कथा एक अनोखे कौतुक के साथ देखेगी। मैंने अपनी तरफ से प्रयत्न पूरा किया है लेकिन ये तो तुलसीदास जी ने भी कहा, ‘करन चहउँ रघुपति गुन गाहा। लघु मति मोरि चरित अवगाहा।’
फिल्म ‘आदिपुरुष’ में भगवान राम का चरित्र निभा रहे प्रभास भी मंच पर आए तो पहले ‘जय श्री राम’ का ही उद्घोष हुआ। सफेद कुर्ते और चूड़ीदार में मंच पर आए प्रभास ने नंगे पांव ही दीप प्रज्वलित किया और जब बोलने की बारी आई तो उनकी आंखों में भी प्रसन्नता छलकती दिखी। उन्होंने बस यही कहा, ‘भगवान राम के चरित्र को निभाते हुए उनके तीन गुण मुझे ऐसे लगे जो कोई भी मनुष्य आज के युग में भी अपना ले तो कोई भी शक्ति उसकी विजय नहीं रोक सकती है। ये तीन गुण हैं, समर्पण, मानवता और समयबद्धता। सदियों से करोड़ों पुरुष राम जैसा बनने की कोशिश करते रहे हैं। लेकिन वह पुरुषोत्तम हैं और हम उनके अगर गिनती के गुण भी अपना लें तो कम से कम अच्छे मनुष्य अवश्य बन सकते हैं।’
सीता का चरित्र फिल्म ‘आदिपुरुष’ में कृति सैनन निभा रही हैं। वह कहती हैं, ‘बचपन से हमने रामलीलाओं और रामकथाओं में ये कहानी सुनी है। लेकिन, मैंने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन मुझे इस रामकथा के सबसे महत्वपूर्ण चरित्र को अभिनीत करने का मौका मिलेगा। ये कहानी नए युग में नए तरीके से कही गई है और इसलिए कही गई है कि नए समय के नए सिनेमा को पसंद करने वाली नई पीढ़ी भी इसे अपनी आकांक्षाओं के अनुरूप रहते हुए देख सके। मुझे उम्मीद है कि राम की कथा के प्रति श्रद्धा रखने वाला हर दर्शक इसे सिनेमाघरों में देखने जरूर आएगा। हमें दुनिया के हर राम भक्त का इस फिल्म के लिए आशीर्वाद चाहिए।’