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Friday, April 26, 2024

1971 युद्ध के शहीदों को पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि, वॉर मेमोरियल पर ‘स्वर्णिम विजय मशाल’प्रज्जवलित किया

आज 1971 युद्ध यानी विजय दिवस के 50 साल पूरे हो गए। इसी युद्ध के बाद से बांग्लादेश एक देश के रूप में अस्तित्वव में आया था और भारत ने पाकिस्तान को धूल चटाई थी। 1971 में बांग्लादेश को पाकिस्तान से आज़ाद कराने में भारत की विजय को चिह्नित करने के लिए हर साल 16 दिसंबर को विजय दिवस मनाया जाता है। आज इस मौके पर पीएम मोदी ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक जाकर 1971 युद्ध के नायकों को श्रद्धांजलि दी और फिर ‘स्वर्णिम विजय मशाल’ जलाया। नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय समर स्मारक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत, और तीनों सेनाओं के चीफ मौजूद रहे।

-नेशनल वॉर मेमोरियल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के बाद 4 स्वर्णिम विजय मशाल प्रज्जवलित किए। इन मशालों को देश के अलग -अलग हिस्सों  में ले जाया जाएगा।

-प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में 1971 युद्ध के नायकों को श्रद्धांजलि दी। पीएम मोदी को यहां पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रिसीव किया।

दिसंबर 1971 में भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तानी सेना पर एक निर्णायक और ऐतिहासिक जीत हासिल की थी, जिसके परिणामस्वरूप एक राष्ट्र – बांग्लादेश का निर्माण हुआ और दूसरे विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ा सैन्य आत्मसमर्पण भी हुआ। 

प्रेस रिलीज में बताया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 4 स्वर्णिम विजय मशाल प्रज्जवलित करेंगे और इन मशालों को देश के अलग अलग कोनों में ले जाया जाएगा।इनमें 1971 युद्ध के परमवीर चक्र और महावीर चक्र विजेता सैनिकों के गांव भी शामिल हैं। इस दौरान युद्ध ‘दिग्गजों और वीर नारियों’ को सम्मानित किया जाएगा और बैंड प्रदर्शन, सेमिनार, प्रदर्शनी, उपकरण प्रदर्शन, फिल्म समारोह, कॉन्क्लेव और साहसिक गतिविधियों जैसे कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है। 

1971 में बांग्लादेश को पाकिस्तान से आज़ाद कराने में भारत की विजय को चिह्नित करने के लिए हर साल 16 दिसंबर को विजय दिवस मनाया जाता है। सैन्य इतिहास के सबसे तेज और सबसे छोटे अभियानों में से एक, भारतीय सेना द्वारा किए गए तेज अभियान के परिणामस्वरूप एक नए राष्ट्र का जन्म हुआ। 1971 के युद्ध में हार का सामना करने के बाद, पाकिस्तान के तत्कालीन सेना प्रमुख आमिर अब्दुल्ला खान नियाज़ी ने अपने 93,000 सैनिकों के साथ, संबद्ध सेनाओं के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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