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Monday, May 13, 2024

हाईकोर्ट ने पत्नी द्वारा पति पर अवैध संबंध का झूठा आरोप लगाए जाने को तलाक का प्रमुख आधार बताया

किसी महिला से अवैध संबंध होने का झूठा आरोप लगाकर पति के चरित्र हनन का प्रयास उसका मानसिक उत्पीड़न है। हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी करते हुए पत्नी द्वारा पति पर अवैध संबंध का झूठा आरोप लगाए जाने को तलाक को मंजूरी देने का प्रमुख आधार बताया। जस्टिस विपिन सांघी और रेखा पल्ली की पीठ ने तलाक को मंजूरी देने के परिवार न्यायालय के फैसले के खिलाफ महिला की अपील खारिज कर दी है।

पीठ ने कहा है कि महिला ने न सिर्फ अपनी भाभी, बल्कि आसपास की अन्य महिलाओं के साथ भी पति का अवैध संबंध होने जैसे गंभीर आरोप लगाए लेकिन इन्हें साबित करने में वह पूरी तरह से नाकाम रही। न्यायालय ने कहा है कि इन आरोपों के बाद पति के बारे में हर कोई चर्चा करने लगा। न्यायालय ने कहा है कि महिला ने न सिर्फ आरोप लगाए बल्कि इन आरोपों को उसने अदालत में दाखिल हलफनामा में भी दोहराया। पीठ ने कहा है कि इस तरह के आरोप मानसिक उत्पीड़न हैं। हाईकोर्ट ने कहा है कि ऐसे में उत्पीड़न के आधार पर परिवार न्यायालय द्वारा तलाक को मंजूरी देने के फैसले में हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है। इसी के साथ हाईकोर्ट ने परिवार न्यायालय के फैसले के खिलाफ महिला की ओर से दाखिल अपील को आधारहीन बताते हुए खारिज कर दिया।

बार-बार खुदकुशी की धमकी मानसिक अत्याचार
परिवार न्यायालय ने पिछले साल पति की ओर से तलाक की मांग को लेकर दाखिल याचिका को स्वीकार कर लिया था। सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का हवाला देते हुए परिवार न्यायालय ने पति पर झूठे लांछन लगाने के अलावा महिला द्वारा बार-बार खुदकुशी करने की धमकी दिए जाने को भी पति पर मानसिक अत्याचार बताया है। इस फैसले के खिलाफ महिला ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। महिला ने अपील में कहा था कि परिवार न्यायालय ने उसके पक्ष को दरकिनार कर दिया।

10 साल पहले दाखिल हुआ था तलाक का मुकदमा
दरअसल, पत्नी पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए पति की ओर से 2011 में तलाक की मांग को लेकर परिवार न्यायालय में मुकदमा दाखिल किया गया था। पति ने आरोप लगाया था कि पत्नी अपनी भाभी व अन्य महिलाओं से अवैध संबंध होने के झूठे आरोप लगाकर उसका मानसिक उत्पीड़न कर रही है। साथ ही आरोप लगाया था कि वह बार-बार खुदकुशी करने की धमकी दे रही है। पति ने हिन्दू विवाह कानून के तहत तलाक को मंजूरी देने की मांग की थी। हालांकि महिला ने अदालत में इन आरोपों को बेबुनियाद बताया था।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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