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Wednesday, May 8, 2024

हांगकांग को लेकर तकरार, चीन ने कहा ब्रिटिश पासपोर्ट को नहीं देगा मान्यता

चीन और ब्रिटेन के बीच हांगकांग को लेकर में तकरार बढ़ गई है। लंदन ने चीन नियंत्रित इस क्षेत्र के लोगों को नागरिकता देने का रास्ता खोलने के लिए ब्रिटिश नेशनल ओवरसीज (बीएनओ) पासपोर्ट का प्रस्ताव दिया तो बीजिंग ने कहा कि वह इस पासपोर्ट को मान्यता नहीं देगा। हांगकांग में चीन की दमनकारी नीतियों का ब्रिटेन और अमेरिका समेत कई देश विरोध कर रहे हैं। चीन ने लोकतंत्र समर्थकों पर रोकने के लिए हांगकांग में पिछले साल राष्ट्रीय सुरक्षा कानून थोप दिया था।

31 जनवरी से बीएनओ पासपोर्ट के लिए आवेदन प्रक्रिया होगी शुरू

ब्रिटेन के कदम से भड़के चीन ने शुक्रवार को कहा कि वह बीएनओ पासपोर्ट को वैध दस्तावेज के तौर पर मान्यता नहीं देगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजिआन ने कहा, ‘ब्रिटेन बड़ी संख्या में हांगकांग के लोगों को दूसरी श्रेणी की ब्रिटिश नागरिकता देने का प्रयास कर रहा है। यह चीन की संप्रभुता और आंतरिक मामलों में गंभीर दखल है। यह अंतरराष्ट्रीय कानूनों और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के बुनियादी नियमों का भी घोर उल्लंघन है।’ इससे पहले ब्रिटिश सरकार ने एलान किया कि बीएनओ पासपोर्ट के लिए 31 जनवरी से आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इस पासपोर्ट के लिए हांगकांग के करीब 54 लाख नागरिक पात्र होंगे। ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने बीएनओ पासपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा, ‘मैं इस बात से बेहद खुश हूं कि हम अपने देश में हांगकांग के नागरिकों के रहने, काम करने और अपना घर बनाने के लिए एक नया रास्ता खोल रहे हैं।’

बीएनओ पासपोर्ट के आधार पर हांगकांग के नागरिक ब्रिटेन में पांच साल तक रहने और काम करने के हकदार होंगे। इसके बाद वे नागरिकता पाने के लिए आवेदन कर सकेंगे।

हांगकांग में वर्ष 2019 में भड़का था चीन विरोधी आंदोलन

उल्लेखनीय है कि हांगकांग में वर्ष 2019 में चीन विरोधी आंदोलन भड़का था। लोकतंत्र समर्थक छात्रों, शिक्षकों और लोगों ने सड़कों पर लंबे समय तक विरोध प्रदर्शन किया था। चीन ने इस तरह के कृत्यों को रोकने के लिए हांगकांग में पिछले साल राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू किया था। इस कदम की दुनियाभर में आलोचना हुई और यह चिंता जताई गई कि इसकी आड़ में चीन इस क्षेत्र पर अपनी पकड़ मजबूत करना चाहता है। वह हांगकांग की स्वायत्तता और नागरिक अधिकारों को बनाए रखने के अपने वादे को तोड़ रहा है।

1997 में सौंपा था हांगकांग

वर्ष 1997 में ब्रिटेन ने चीन को इस शर्त के साथ हांगकांग सौंपा था कि वह इसकी स्वायत्तता और नागरिक अधिकारों को बनाए रखेगा।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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