भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) वाराणसी, पुणे, कोलकाता और विजयवाड़ा हवाई अड्डों पर यात्रियों के लिए देश की पहली चेहरे की पहचान प्रौद्योगिकी आधारित बायोमेट्रिक बोर्डिंग प्रणाली पर काम कर रहा है। नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री वी के सिंह ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में उन्होंने कहा कि यह बायोमेट्रिक बोर्डिंग सिस्टम डिजि यात्रा योजना के कार्यान्वयन के पहले चरण का हिस्सा है। डिजि यात्रा पहल कागज रहित और परेशानी मुक्त हवाई यात्रा को बढ़ावा देगी। सरकार के अनुसार, यह हवाई अड्डे पर यात्रियों के प्रवेश और इससे जुड़ी आवश्यकताओं के लिए बायोमेट्रिक्स-आधारित डिजिटल प्रोसेसिंग सिस्टम है।
मंत्री ने कहा कि एएआई ने चार हवाई अड्डों पर देश में अपनी तरह की पहली इस तकनीक को लागू करने के लिए एनईसी कॉर्पोरेशन प्राइवेट लिमिटेड को नियुक्त किया है। उन्होंने कहा कि कंपनी को खुली निविदा प्रक्रिया के माध्यम से चुना गया था। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित डिजि यात्रा सेंट्रल इको-सिस्टम को मार्च 2022 में लाइव करने की योजना बनाई गई है। देश के विभिन्न हवाई अड्डों पर डिजि यात्रा को चरणबद्ध तरीके से अपनाया जाएगा।