32.1 C
Delhi
Monday, May 20, 2024

सांसद संजय राउत ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा – हमारे देश के राज्य भी सोवियत संघ की तरह टूट जाएंगे

शिवसेना सांसद संजय राउत ने शनिवार को यूपीए सुप्रीमो के तौर पर शरद पवार के नाम का शिगूफा छेड़ने के बाद आज रविवार को बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधा है और कहा है कि बहुत जल्द भारत के भी वैसे ही टुकड़े-टुकड़े हो जाएंगे जैसे सोवियत संघ के हुए थे। शिवसेना के मुखपत्र सामना में संजय राउत ने लिखा है कि केंद्र और राज्य सरकारों के बीच संबंध खराब होते जा रहे हैं और बहुत जल्द हमारे देश के राज्य भी सोवियत संघ की तरह टूट जाएंगे।

रविवार को छपे इस संपादकीय में राउत ने सुप्रीम कोर्ट को भी आड़े हाथों लिया है और लिखा है कि कई मामलों में सर्वोच्च न्यायालय अपना कर्तव्य भूल गया। 

संजय राउत ने लिखा है, ‘अगर केंद्र सरकारर को यह एहसास नहीं होता है कि वह राजनीतिक फायदे के लिए लोगों को नुकसान पहुंचा रही है, तो वह दिन दूर नहीं जब हमारे देश के राज्य भी वैसे ही टूट कर बिखर जाएंगे जैसे सोवियत संघ के हुए थे। साल 2020 को केंद्र सरकार की क्षमता और विश्वसनीयता पर सवालिया निशान के तौर पर देखना चाहिए।’

राउत ने लिखा है, ‘बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने सनसनीखेज खुलासा किया था कि मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार को गिराने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशेष मेहनत की थी।’ संजय ने लिखा है कि प्रधानमंत्री किसी राज्य की सरकार को गिराने में रुचि ले रहे हैं। प्रधानमंत्री देश का होता है। देश एक संघ के रूप में खड़ा है। जिन राज्यों में बीजेपी की सरकार नहीं है, वे भी राष्ट्रहित की बात करते हैं। इस भावना की हत्या की जा रही है।

इससे पहले शनिवार को भी सामना के संपादकीय में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार का नाम विपक्षी दलों के मुखिया के रूप में सुझाया था और कहा था कि मौजूदा विपक्षी दल (कांग्रेस) की निष्क्रियता के कारण ही मोदी-शाह की जोड़ी किसान आंदोलन को लेकर बेफिक्र है। दूसरी तरफ, संजय राउत ने भी मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था कि कांग्रेस के नेतृत्व  वाले संयुक्त प्रगतिशील मोर्चा (यूपीए) का दायरा बढ़ाने का समय आ गया है। उन्होंने बातों ही बातों में यह भी इशारा किया कि यूपीए की कमान शरद पवार को सौंपनी चाहिए। 

anita
anita
Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
3,912FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles