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Saturday, June 28, 2025

विश्व भारती के दीक्षांत समारोह में पीएम ने छात्रों को किया संबोधित, कहा- फैसले लेने से डरना नहीं चाहिए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये विश्व भारती के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। छात्रों को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि विश्व-भारती विश्वविद्यालय केवल ज्ञान देने वाली संस्था नहीं है, बल्कि यह एक प्रयास है भारतीय संस्कृति के शीर्षस्थ लक्ष्य को प्राप्त करने का।

ज्ञान का उन्मुक्त समंदर है विश्व-भारती

विश्व-भारती की स्थापना दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह विश्वविद्यालय केवल शिक्षित करने वाली संस्था नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया को भारत और भारतीयता की दृष्टि से देखने की प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा कि यह संस्था ज्ञान का उन्मुक्त समंदर है, जिसकी नींव अनुभव आधारित शिक्षा के लिए रखी गई है।

विश्व भारती के विद्यार्थी मिलकर एक विजन डॉक्यूमेंट

पीएम ने कहा कि ज्ञान, विचार और स्किल पत्थर की तरह नहीं होते, बल्कि जीवंत होते हैं। यह सतत चलने वाली प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि भारत के ज्ञान और उसकी परंपरा को विश्व के कोने-कोने में पहुचाने में विश्व भारती की बहुत बड़ी भूमिका है। पीएम मोदी ने छात्रों से आह्वान किया कि इस वर्ष हम अपनी आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं। विश्व भारती के प्रत्येक विद्यार्थी की तरफ से देश को सबसे बड़ा उपहार होगा कि भारत की छवि को और निखारने के लिए आप ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक करें। उन्होंने कहा कि मेरा आग्रह है, अगले 25 वर्षों के लिए विश्व भारती के विद्यार्थी मिलकर एक विजन डॉक्यूमेंट बनाएं। वर्ष 2047 में, जब भारत अपनी आजादी के 100 वर्ष का समारोह मनाएगा, तब तक विश्व भारती के 25 सबसे बड़े लक्ष्य क्या होंगे, ये इस विजन डॉक्यूमेंट में रखे जा सकते हैं।

फैसले लेने से डरना नहीं चाहिए

इस दौरान उन्होंने छात्रों से कहा कि आपका ज्ञान केवल आपका नहीं है, बल्कि यह राष्ट्र का भविष्य भी तय करता है। आपका ज्ञान एक समाज, एक राष्ट्र का निर्माण करता है। यदि आपका इरादा स्पष्ट है और मां भारती के प्रति आपकी निष्ठा है, तो आपका हर निर्णय एक समाधान की ओर बढ़ेगा। हो सकता है कि आपके द्वारा सोचा गया परिणाम आपको न मिले, लेकिन आपको फैसले लेने से डरना नहीं चाहिए।

नई शिक्षा नीति में छात्रों को अपनी क्षमता दिखाने की आजादी

वहीं नई शिक्षा नीति पर पीएम मोदी ने कहा कि नई शिक्षा नीति ने छात्रों को अपनी क्षमता दिखाने की पूरी आजादी दी है। यह शिक्षा नीति आपको अपनी भाषा में विभिन्न विषयों को पढ़ने की स्वतंत्रता देती है। ये शिक्षा नीति शोध एवं इनोवेशन को बढ़ावा देती है। आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में ये शिक्षा नीति भी एक अहम पड़ाव है।

गौरतलब है कि विश्व भारती की स्थापना 1921 में गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर ने की थी। यह देश का सबसे पुराना केंद्रीय विश्वविद्यालय है। मई 1951 में संसद के एक अधिनियम के जरिये विश्व-भारती को केंद्रीय विश्वविद्यालय और ‘राष्ट्रीय महत्व का संस्थान’ घोषित किया गया था।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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