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Sunday, May 12, 2024

रामजन्मभूमि की मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक सोमवार से शुरू होगी। उम्मीद है कि इस बैठक के बाद राम मंदिर की निर्माण का कार्य शीघ्र शुरू हो जाएगा।

रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक सोमवार से शुरू होगी। उम्मीद की जा रही है कि इस बैठक के बाद राम मंदिर की नींव के निर्माण का काम शीघ्र शुरू हो जाएगा। सूत्रों की मानें तो कार्यदाई संस्था एलएण्डटी ने तैयारी पूरी कर रखी है। ट्रस्ट की हरीझंडी मिलते ही काम को गति दे दी जाएगी। फिलहाल बैठक के लिए मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष व अवकाश प्राप्त वरिष्ठ आईएएस अधिकारी नृपेन्द्र मिश्र रविवार की शाम अयोध्या पहुंच गये। उन्होंने हनुमानगढ़ी पहुंच कर हाजिरी बजाई और फिर आराध्य से जीवन के सर्वाधिक महत्वपूर्ण कार्य के शुभारम्भ की इजाजत ली।

इसके बाद मिश्र का काफिला रामजन्मभूमि पहुंचा। यहां उन्होंने विराजमान रामलला का दर्शन-पूजन किया और निर्णय की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की। मंदिर निर्माण समिति अध्यक्ष के अतिरिक्त बैठक के लिए रामजन्मभूमि ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष महंत गोविंद देव गिरि भी पुणे, महाराष्ट्र से चलकर यहां पहुंच गये है। वह सड़क मार्ग से ही पहुंचे। इसके अतिरिक्त कार्यदाई संस्था एलएण्डटी के प्रबंधन से जुड़े आला अधिकारियों की टीम के साथ-साथ टाटा इंजीनियरिंग व कंसल्टेंसी के भी अधिकारी मुम्बई से यहां पहुंच गये है। मिली जानकारी के अनुसार सभी अधिकारी ट्रस्ट पदाधिकारियों के संयुक्त रुप से सोमवार को साइट विजिट करेंगे। तदुपरांत बैठक में शामिल होंगे।

रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला के मंदिर की उधर उल्लेखनीय है कि नींव के लिए टेस्ट पाइलिंग 11 सितम्बर को शुरु किया गया था। पुनः यह कार्य 28 सितम्बर तक जारी रहा। इस दौरान पाइलिंग के जरिए चार-चार स्तम्भों के तीन सेट तैयार किए गये। पूरे अक्टूबर माह में परीक्षण की रिपोर्ट का अध्ययन चलता रहा। नवम्बर माह में पाइलिंग के जरिए निर्मित स्तम्भों की भार वहन क्षमता का आकलन किया गया। इस दौरान सात सौ टन वजन डालकर क्षमता आंकी गयी। अब दिसम्बर शुरु हो चुका है लेकिन नींव का काम कब शुरु होगा, यह तय नहीं। 

रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट महासचिव चंपत राय ने दूसरे सप्ताह में काम शुरु होने का संकेत दिया था। इस बीच उन्होंने स्वयं यह सूचना सार्वजनिक की कि एलएण्डटी व टाटा कंसल्टेंसी से अलग-अलग अनुबंध हो गया है। इस अनुबंध में दोनों पक्षों की ओर से कई नये क्लाज जोड़े गये हैं। इन नये शर्तों में सबसे महत्वपूर्ण यह है कि एलएण्डटी जो कार्य करेगी। वह पूरी गुणवत्ता और गारंटी के साथ करेगी। दूसरा यह कि ट्रस्ट प्रत्येक कार्य का समुचित भुगतान करेगी। पूर्व में श्रमदान जैसी कोई बात नहीं रहेगी। ट्रस्ट महासचिव की इस सूचना के बाद माना जा रहा है कि एक हजार साल की गारंटी को लेकर आपसी गतिरोध को दूर कर लिया गया है। ऐसे में कार्य शीघ्र शुरू होने की संभावना भी बलवती हो गयी है।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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