केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ 40 किसान संगठनों के शीर्ष नेतृत्व संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर आज यानी गुरुवार को 12 बजे से 4 बजे के बीच देशभर में रेल का चक्का जाम किया जा रहा है। पटना से लेकर दिल्ली और अंबाला तक में रेल रोको आंदोलन का असर दिखना शुरू हो गया है। पटना में ट्रेनें रोकी गईं हैं, वहीं दिल्ली में कई मेट्रो स्टेशनों को बंद किया गया है। माना जा रहा है कि किसानों के रेल रोको आंदोलन का सबसे अधिक असर दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-जम्मू, दिल्ली-भोपाल, व दिल्ली-हावड़ा रूट पर पड़ने की संभावना है। वहीं, रेल मंत्रालय ने अलर्ट जारी कर दिया है। इसके अलावा, सुरक्षा के मद्देनजर आरपीएफ-जीआरपी के जवानों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं और अतिरिक्त बलों की तैनाती की है। तो चलिए जानते हैं किसान रेल रोको आंदोलन से जुड़े सारे लेटेस्ट अपडेट्स…
राकेश टिकैत बोले- फसल नहीं काटेंगे किसान, जला देंगे
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने हरियाणा में कहा- केंद्र सरकार इस मुगालते में ना रहे कि किसान फसल कटाई के लिए जाएंगे। यदि उन्होंने हठ किया तो हम अपनी फसलों को जला देंगे। उन्हें यह नहीं सोचना चाहिए कि प्रदर्शन 2 महीने में खत्म हो जाएगा। हम फसल के साथ-साथ प्रदर्शन भी करेंगे।
पटना में भी पटरी ब्लॉक
पटना में जन अधिकार पार्टी के सदस्यों ने रेल पटरियों को जाम कर दिया। इस दौरान सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें पटरी से हटाने के लिए काफी मशक्कत की।
गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर रुकी उत्कल एक्सप्रेस
ओडिशा के पुरी से हरिद्वार जाने वाली उत्कल एक्सप्रेस को गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर रोका गया है। किसानों ने मोदीनगर में रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया है।
बेंगलुरु में किसानों का प्रदर्शन
संयुक्त किसान मोर्चा के रेल रोको आंदोलन में कर्नाटक के किसान भी शामिल हुए हैं। यशवंतपुर रेलवे स्टेशन पर कई किसान संगठनों के सदस्यों ने नारेबाजी की और कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग की।
अंबाला में पटरी पर बिस्तर
हरियाणा के अंबाला में किसानों ने पटरियों पर बिस्तर लगा दी है। बुजुर्ग से बच्चे तक पटरियों पर बैठे हुए हैं।
रांची में सीपीआई-एम ने पटरियों को किया ब्लॉक
रांची में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) के कार्यकर्ताओं ने चार घंटे के रेल रोको प्रदर्शन के दौरान पटरियों को ब्लॉक कर दिया। सीपीआई-एम के कार्यकर्ता कृषि कानूनों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पटरियों पर चलते रहे।
पश्चिम बंगाल में भी असर
पश्चिम बंगाल के नादिया में भी कई किसान और राजनीतिक संगठन रेल रोको प्रदर्शन में सामिल हुए।