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Saturday, May 18, 2024

यू-टर्न लेकर टीएमसी में लौटे जितेंद्र तिवारी, कहा- ममता बनर्जी से मांगूंगा माफी

पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) अंदरुनी घमासान जारी है। नेताओं के इस्तीफा देने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पार्टी अब डैमेज कंट्रोल में लगी है। जितेंद्र तिवारी ने माफी मांगकर पार्टी में वापसी कर ली है। 

तिवारी ने ममता सरकार में मंत्री अरूप विश्वास से मुलाकात के बाद कहा कि मैं टीएमसी के साथ हूं और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से माफी मांगूंगा।
 

बताया जा रहा है कि अरूप बिस्वास और प्रशांत किशोर से मुलाकात के बाद उन्होंने यू टर्न लिया है। वहीं सूत्रों के मुताबिक, तिवारी के भाजपा में आने का बाबुल सुप्रियो विरोध कर रहे थे। 

बढ़ रहीं ममता की मुश्किलें
राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और तृणमूल कांग्रेस के लिए मुश्किलें अभी से बढ़ती जा रही हैं। इससे पहले राज्य के परिवहन मंत्री और विधायक सुवेंदु अधिकारी ने भी विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। साथ ही, शीलभद्र दत्ता, जितेंद्र तिवारी और कबिरुल इस्लाम जैसे नेता भी पार्टी से इस्तीफा दे चुके हैं। 

‘टीएमसी नेताओं के बड़े-बड़े वादे कर लुभा रही है भाजपा’
तृणमूल कांग्रेस के कुछ सदस्यों के पार्टी छोड़ने के बीच, पार्टी की लोकसभा सांसद काकोली घोष दस्तीदार ने भाजपा पर नेताओं से बड़े-बड़े वादे कर उन्हें पार्टी में आने का लालच देने का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को कहा कि यह केंद्र की नीतियों के खिलाफ आवाज उठा रहे, ममता बनर्जी की अगुवाई वाले नेतृत्व से बदला लेने का एक तरीका है।

पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से हाल ही में इस्तीफा देने वाले नेताओं के बारे में पूछे जाने पर काकोली घोष दस्तीदार ने कहा, ‘कुछ ऐसे लोग हैं जो व्यक्तिगत लाभ के लिए कुछ काम, कुछ खास तरीके से करना चाहते हैं, यह कुछ ऐसा है जिसके लिए हमारी पार्टी कभी इजाजत नहीं देगी क्योंकि दीदी (ममता बनर्जी) पारदर्शिता पर विश्वास करती हैं।’

सुवेंदु के इस्तीफे पर विधानसभा स्पीकर की मुहर नहीं
पश्चिम बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष विमान बनर्जी ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने तृणमूल कांग्रेस विधायक सुवेंदु अधिकारी का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है क्योंकि यह संविधान के प्रावधानों और सदन के नियमों के अनुरूप नहीं है। बनर्जी ने इस बात का जिक्र किया कि अधिकारी ने त्यागपत्र उन्हें व्यक्तिगत रूप से नहीं सौंपा।

उन्होंने कहा कि वह नहीं जानते कि अधिकारी का यह कदम स्वैच्छिक और वास्तविक है या नहीं। उन्होंने कहा, जब तक मैं संतुष्ट नहीं हो जाता कि इस्तीफा स्वैच्छिक और वास्तविक है, मेरे लिए भारत के संविधान के प्रावधानों और पश्चिम बंगाल विधानसभा में कामकाज के नियमों के आलोक में इसे स्वीकार करना संभव नहीं है।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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