कोरोना की दूसरी लहर के साथ मुकाबला करने के साथ ही आने वाली संभावित तीसरी लहर के लिए भी केंद्र से लेकर राज्य सरकारें तैयारी कर रही हैं। इस क्रम में उत्तर प्रदेश में ऑक्सीजन और बेड की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता के लिए व्यापक स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। यूपी में 416 ऑक्सीजन प्लांट स्वीकृत किये गए हैं, जिनमें 344 ऑक्सीजन प्लांट पर काम चल रहा है। हाल ही में विभिन्न स्थानों पर 72 नए ऑक्सीजन प्लांट शुरू किये जा चुके हैं।
कहां, कितने ऑक्सीजन प्लांट कर रहे हैं काम
चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने रविवार को बताया कि प्रदेश में जल्द ही ऑक्सीजन उत्पादन पर्याप्त मात्रा में होने लगेगा। इसके लिए युद्ध स्तर पर कार्य योजना बनाकर कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 25 ऑक्सीजन प्लांट कार्यरत हैं। पीएम केयर फंड से 37 नए ऑक्सीजन प्लांट लगने हैं, जिसमें से 14 लग गए हैं और तीन पर काम चल रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की ओर से 64 ऑक्सीजन प्लांट स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें छह शुरू हो गए हैं और 58 पर कार्य चल रहा है। चीनी मिलों और आबकारी विभाग की ओर से 80, सांसद और विधायक निधि से 90 ऑक्सीजन प्लांट लगने हैं, जिनमें से आठ शुरू हो गए हैं और 82 पर काम चल रहा है। इसके अलावा सीएसआर फंड से 120 प्लांट लग रहे हैं, जिसमें 18 लग चुके हैं।
निजी मेडिकल कॉलेजों में ऑक्सीजन प्लांट हुए शुरू
प्रमुख सचिव ने जानकारी दी कि निजी मेडिकल कॉलेजों में 12 नए ऑक्सीजन प्लांट शुरू हुए हैं। इनमें रुहेलखंड मेडिकल कॉलेज बरेली में दो, नरायणा मेडिकल कॉलेज कानपुर में दो, हिंद बाराबंकी में एक, हिंद सीतापुर में एक, मुजफ्फरनगर मेडिकल कॉलेज में दो, सुभारती मेडिकल कॉलेज मेरठ में एक, एनसीआर आईएमएस मेरठ में एक, वेंकटेश्वरा मेडिकल कॉलेज अमरोहा में दो नए ऑक्सीजन प्लांट शुरू हो चुके हैं।
सहारनपुर में दो और सैफई में एक नया प्लांट शुरू
निजी मेडिकल कॉलेजों को 50 फीसदी ब्याज रहित धनराशि देने का प्रस्ताव