भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) ने बीजापुर में हुए हमले और एक जवान की रिहाई के लिए सरकार से बातचीत की पेशकश की है.
माओवादियों ने एक प्रेस नोट जारी कर कहा है, “बीजापुर हमले में सुरक्षाबलों के 24 जवानों की जान गई. 31 जवान घायल हुए. 1 जवान हमारी हिरासत में है. इस मुठभेड़ में पीपुल्स लिब्रेशन गुरिल्ला आर्मी के 4 जवानों की भी जान गई. इस घटना पर हम सरकार से बातचीत को तैयार हैं. वो मध्यस्थों की घोषणा कर सकते हैं. बातचीत के बाद हम उस जवान को रिहा कर देंगे.”
इस प्रेस नोट में माओवादियों ने लिखा है कि आम पुलिसवाले हमारे दुश्मन नहीं हैं और घटना में मारे गये पुलिसवालों के परिजनों को हम खेद प्रकट करते हैं.
माओवादियों ने इस वक्तव्य में लिखा है कि पुलिस बल के 2000 से ज़्यादा जवान सुकमा और बीजापुर ज़िलों के गाँवों पर हमला करने आये थे, जिसकी योजना अमित शाह के नेतृत्व में बनायी गई थी.
माओवादियों के अनुसार, नवंबर 2020 में शुरू हुए इस सैन्य अभियान में 150 से ज़्यादा ग्रामीणों की हत्या की गई जिसमें कुछ हमारे पार्टी कार्यकर्ता और नेता भी थे.
नोट के अंत में माओवादियों ने लिखा है कि मोदी-शाह भले ही कितने भारी हत्याकाण्ड की योजना बना लें, हम उन सभी योजनाओं का जनयुद्ध के माध्यम से मुँहतोड़ जवाब देंगे.