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Saturday, May 4, 2024

महिला ने अपने घर के बाहर लाल साड़ी और हाथ में त्रिशूल लेकर समाधि ले लिया

कानपुर में सजेती थाना क्षेत्र के मढ़ा गांव में बुधवार को 52 साल की एक महिला ने अपने घर के बाहर लाल साड़ी और हाथ में त्रिशूल लेकर समाधि ले ली। परिजनों ने बताया कि महिला को सपने में भगवान शिव दिखते थे। महिला के समाधि लेने की खबर प्रशासन को लगी तो हड़कंप मच गया। एसडीएम सीओ पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। पांच घंटे से समाधि में लेटी महिला को बाहर निकाला और एक अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टरों ने उसकी सेहत सामान्य बताई है।

गांव के रामसजीवन की पत्नी गयावती उर्फ गोमती (52) पिछले पांच वर्ष से घर के पास स्थित एक शिवमंदिर में पूजा-पाठ करती है। धीरे-धीरे इलाके में प्रचारित हो गया कि गोमती को भगवान शिव के दर्शन होते हैं। महिला भी खुद को शिव का अवतार मानने लगी। उसके दर्शन करने वालों का तांता लगने लगा। शिव मंदिर पर आने वाली भीड़ भी अंधविश्वास के जाल में फंसती जा रही थी।

परिजनों की मानें तो गोमती ने मंगलवार को ऐलान कर दिया कि वह 48 घंटे के लिए समाधि लेगी। परिवार के लोग भी उसके साथ आ गए। सभी ने घर के बाहर टेंट लगाकर एक चबूतरे पर करीब 5 फुट चौड़ा व 4 फुट गहरा गड्ढा खोदा। बुधवार सुबह रिश्तेदार भी घर पहुंच गए। भक्तों और गांव के सैकड़ों की भीड़ आ गई। समाधि से पहले गोमती पूजा करने बैठ गई। सुबह करीब 10 बजे लाल साड़ी पहन, सिर में मुकुट लगाया और हाथ में त्रिशूल लेकर वह गड्ढ़े में बैठ गई।

मढ़ा गांव में बुधवार को अंधविश्वास से घिरी गोमती के समाधि लेने के बाद उसके परिजनों ने पूरा इंतजाम किया। उसके बेटे अरविन्द, रावेन्द्र ने मां के गड्ढे में बैठने के बाद कुछ रिश्तेदारों के साथ उसे लकड़ी के पटरों से ढंक दिया। उसके बाद ऊपर से मिट्टी डाल दी। गोमती के समाधि लेने के बाद उस स्थान पर फूल माला चढ़ने लगे। गांव में भजन-कीर्तन शुरू हो गया। तभी गांव के किसी व्यक्ति ने समाधि लेने की सूचना एसडीएम को दी।

दोपहर करीब 3 बजे एसडीएम अरुण श्रीवास्तव, सीओ गिरीश कुमार सिंह, सजेती थाने की फोर्स लेकर मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने भीड़ लोगों को फटकार लगाई और गड्ढे से महिला को बाहर निकलवाने लगे। इसका कुछ लोगों ने विरोध शुरू किया तो पुलिस ने सख्ती दिखाई। समाधि से निकाली गई महिला को पुलिस ने तत्काल सीएचसी पहुंचाया। यहां से इलाज के बाद उसे घर भेज दिया गया। सीएचसी डॉक्टर अजीत सचान ने बताया कि महिला स्वस्थ थी। 

पांच साल से शिवरात्रि से पहले समाधि लेती आ रही है महिला 
मढ़ा गांव की गोमती के समाधि लेने की घटना पहली बार सार्वजनिक हो पाई। गांव वालों के मुताबिक पिछले पांच वर्ष से वह 24 घंटे की समाधि लेती रही है। पुलिस की पूछताछ में पता चला कि हर महाशिवरात्रि पर गोमती 24 घंटे की समाधि लेती थी। उसके घर में विधि विधान से पूजा पाठ होता था। गांव वालों का कहना है कि पिछले वर्ष महिला ने 2 महीने तक अन्न, जल का त्याग कर पूजा पाठ करती रही।

नाराज गोमती बोली-ईश्वर माफ नहीं करेगा, सबको मिलेगी सजा 
प्रशासन की जबरदस्ती से गड्ढे से बाहर निकाली गई गोमती बेहद नाराज थी। पुलिस की पूछताछ में भी वह ज्यादा कुछ नहीं बोल रही थी। उसने कहा कि उसकी तपस्या को भंग किया गया है। यह ठीक नहीं हुआ। ईश्वर किसी को माफ नहीं करेगा, सबको सजा मिलेगी। तमाम कोशिशों के बाद भी पुलिस अधिकारी उसे समझा नहीं सके। वह नाराज होकर ही थाने से चली गई। 

गोमती के दूर-दराज से दर्शन करने आते हैं लोग 
गोमती के पूजा पाठ की प्रसिद्धि क्षेत्रभर के अलावा आसपास के इलाकों में भी हो चुकी है। गांव वालों के मुताबिक गोमती खुद को बताती है कि उसकी भगवान शिव से बातचीत होती है। इसी के चलते लोग विश्वास करते हैं। सभी तरह की समस्या लेकर लोग आते हैं। तमाम लोग मुकदमों, संतान न होने, परिवारिक कलह आदि की समस्या का समाधान पूछने आते हैं। इसके लिए घंटों इतंजार करते हैं।

anita
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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