मन की बात 2.0 के 19वें संस्करण में रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के अलग-अलग कोने में रह रहे लोगों के रचनात्मक कार्यों व विचारों का जिक्र करते हुए एक बार फिर से वोकल फॉर लोकल का मंत्री दोहराया। उन्होंने आम लोगों से अपील की कि वे स्थानीय लोगों के द्वारा निर्मित चीजें खरीदें। साथ ही उद्योगपतियों, व्यापारियों, विनिर्माण के क्षेत्र में कार्यरत लोगों से आग्रह किया कि वे देश के लोगों द्वारा उठाये गए मजबूत कदम को आगे बढ़ायें। अब, यह सुनिश्चित करने का समय है कि हमारे उत्पाद विश्वस्तरीय हों।
मन की बात में प्रधानमंत्री ने कहा, “कोरोना के कारण दुनिया में सप्लाई चेन को लेकर अनेक बाधाएं भी आईं, लेकिन, हमने हर संकट से नए सबक लिए। देश में नया सामर्थ्य भी पैदा हुआ। अगर शब्दों में कहना है, तो इस सामर्थ्य का नाम ‘आत्मनिर्भरता’ है।” साथ ही भारत में तेंदुओं की संख्या में हुई बढ़ोतरी पर उन्होंने खुशी जतायी। उन्होंने कहा कि 2014 में देश में तेंदुओं की संख्या लगभग 7,900 थी, वहीं 2019 में इनकी संख्या बढ़कर 12,852 हो गयी है।
पीएम ने पढ़े लोगों के संदेश
• NamoApp पर मुम्बई के अभिषेक जी ने एक message पोस्ट किया है. कोरोना से जुड़ी तमाम बातें उन्होंने लिखी हैं। इन संदेशों में, मुझे, एक बात जो common नजर आ रही है… अधिकतर पत्रों में लोगों ने देश के सामर्थ्य, देशवासियों की सामूहिक शक्ति की भरपूर प्रशंसा की है।
• वेंकट जी ने उन चीजों की सूची बनायी है, जिन्हें वो प्रतिदिन इस्तेमाल करते हैं। इसमें इलेक्ट्रॉनिक्स, स्टेशनरी, सेल्फ केयर आइटम उसके अलावा और भी बहुत कुछ शामिल हैं। अब उन्होंने कसम खाई है कि मैं उसी उत्पाद का इस्तेमाल करूंगा, जिनमें हमारे देशवासियों की मेहनत और पसीना लगा हो।
आम जनों के रचनात्मक एवं सकारात्मक प्रयासों का जिक्र
• हम सबने इंसानों वाली व्हीलचेयर देखी है लेकिन कोयंबटूर की एक बेटी गायत्री ने अपने पिताजी के साथ एक पीड़ित कुत्ते के लिए व्हीलचेयर बना दी। ये संवेदनशीलता प्रेरणा देने वाली है और ये तभी हो सकता है जब व्यक्ति हर जीव के प्रति दया और करुणा से भरा हुआ हो।
• उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी में जेल में बंद कैदी गायों को ठण्ड से बचाने के लिए, पुराने और फटे कम्बलों से कवर बना रहे हैं। इन कम्बलों को कौशाम्बी समेत दूसरे ज़िलों की जेलों से एकत्र किया जाता है और फिर उन्हें सिलकर गौ-शाला भेज दिया जाता है।
• झारखण्ड की कोरवा जनजाति के हीरामन जी ने समुदाय की संस्कृति और पहचान को बचाने के लिए एक बीड़ा उठाया है। उन्होंने 12 साल के अथक परिश्रम के बाद विलुप्त होती, कोरवा भाषा का शब्दकोष तैयार किया है।
• श्री टी श्रीनिवासाचार्य स्वामी जी 92 साल के हैं। वो इस उम्र में भी कंप्यूटर पर अपनी किताब लिख रहे हैं, वो भी खुद ही टाइप करके। उन्होंने 86 साल की उम्र में कंप्यूटर सीखा, अपने लिए जरुरी सॉफ्टवेय सीखे।
• कुछ पर्यटकों ने इस भूले-बिसरे मंदिर (कर्नाटक में वीरभद्र स्वामी नाम का एक प्राचीन शिवमंदिर) का एक वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। युवा ब्रिगेड ने जब ये वीडियो देखा तो उनसे रहा नहीं गया। फिर इस टीम ने मिलजुल कर इसका जीर्णोद्धार करने का फैसला किया।
• तमिलनाडु की हेमलता एनके स्कूल में दुनिया की सबसे पुरानी भाषा तमिल पढ़ाती हैं। कोविड 19 महामारी भी उनके अध्यापन में आड़े नहीं आ पायी। उन्होंने course के सभी 53 chapters को रिकॉर्ड किया, एनिमेटेड वीडियो तैयार किये और इन्हें पेन ड्राइव में लेकर अपने छात्रों को बाँट दिए।
• कर्नाटका के एक युवा दंपति हैं, अनुदीप और मिनूषा। उन्होने अभी नवम्बर में ही शादी की है। शादी के बाद बहुत से युवा घूमने फिरने जाते हैं, लेकिन इन दोनों ने कुछ अलग किया। इन दोनों ने तय किया कि वो सोमेश्वर beach पर लोग जो कचरा छोड़कर गए हैं, उसे साफ करेंगे।
• कश्मीरी केसर को GI Tag का सर्टिफिकेट मिलने के बाद दुबई के एक सुपर मार्किट में इसे लॉन्च किया गया। अब इसका निर्यात बढ़ने लगेगा। यह आत्मनिर्भर भारत बनाने के हमारे प्रयासों को और मजबूती देगा। केसर के किसानों को इससे विशेष रूप से लाभ होगा। पुलवामा के अब्दुल महीद वानी ई-ट्रेडिंग के माध्यम से ट्रेडिंग सेंटर पम्पोर में केसर बेच रहे हैं। ऐसे तमाम कश्मीरी हैं जो नेशनल सैफरन मिशन के तहत केसर बेच रहे हैं।
• गुरुग्राम के प्रदीप सांगवान हीलिंग हिमाल्यास का अभियान 2016 से चला रहे हैं। आप अपने साथियों के साथ पर्यटन स्थलों पर पड़ी प्लास्टिक को हटाने का काम करते हैं। यह एक सराहनीय काम है।
• कर्नाटका के एक युवा दंपति हैं, अनुदीप और मिनूषा। उन्होने अभी नवम्बर में ही शादी की है। शादी के बाद बहुत से युवा घूमने फिरने जाते हैं, लेकिन इन दोनों ने कुछ अलग किया। इन दोनों ने तय किया कि वो सोमेश्वर बीच पर लोग जो कचरा छोड़कर गए हैं, उसे साफ करेंगे।
2021 का संकल्प
प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी दो दिन पहले गीता जयंती थी। गीता हमें हमारे जीवन के हर सन्दर्भ में प्रेरणा देती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है गीता इतनी अद्भुत ग्रन्थ क्यों है? वो इसलिए क्योंकि ये स्वयं भगवन श्रीकृष्ण की ही वाणी है लेकिन गीता की विशिष्टता ये भी है कि ये जानने की जिज्ञासा से शुरू होती है।
आज के ही दिन गुरु गोविंद जी के पुत्रों, साहिबजादे जोरावर सिंह और फतेह सिंह को दीवार में जिंदा चुनवा दिया गया था। हमारे साहिबजादों ने इतनी कम उम्र में भी गजब का साहस दिखाया, इच्छाशक्ति दिखाई… आज ही के दिन गुरु गोविंद सिंह जी की माता जी–माता गुजरी ने भी शहादत दी थी।
हमें देश को single use plastic से मुक्त करना ही है। ये भी 2021 के संकल्पों में से एक है। आखिर में, मैं आपको, नए वर्ष के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। आप खुद स्वस्थ रहिए, अपने परिवार को स्वस्थ रखिए। अगले वर्ष जनवरी में नए विषयों पर ‘मन की बात’ होगी।